जलवायु आधारित खेती के लिए पांच गांवों का चयन

शिवहर। जलवायु आधारित खेती को बढ़ावा देने के लिए शिवहर जिले में पहल हुई है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत कृषि विज्ञान केंद्र शिवहर ने पांच गांवों को चयनित किया है। जिसमें शिवहर प्रखंड के हरनाही व परदेशिया, डुमरी कटसरी प्रखंड के जहांगीरपुर व लालगढ़ तथा पुरनहिया प्रखंड का हथिसार गांव शामिल हैं। इन गांवों के 200 किसानों की 750 एकड़ भूमि पर धान, मूंग, अरहर व मक्का की खेती विज्ञानिकों की देखरेख में होगी। चयनित किसानों को विज्ञानी बदलते जलवायु के अनुसार कम लागत में अधिक उपज प्राप्त करने के टिप्स देंगे। किसानों को सीधी बुआई के लिए कृषि यंत्र एवं अन्य सहायता भी उपलब्ध कराई जाएगी। यह प्रोजेक्ट राज्य के कृषि विभाग के सहयोग से शुरू किया गया है। यह प्रोजेक्ट कृषि विभाग के सहयोग से डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के निर्देश पर कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा शुरू किया गया है। इसका मकसद मौसम आधारित खेती को बढ़ावा देने और किसानों की आमदनी बढ़ाना है। इसके लिए फसल चक्र के अनुसार कम अवधि वाले प्रभेदों को बढ़ावा दिया जाएगा। साथ ही फसलों को विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं से बचाना है। साथ ही कृषि के क्षेत्र में भी रोजगार पैदा करना है। कृषि विज्ञान केंद्र शिवहर के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. संजय कुमार राय ने बताया कि जलवायु में हो रहे बदलाव को देखते हुए फसल चक्र अपनाकर अधिक उपज प्राप्त करने के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तहत खरीफ मौसम में चयनित कलस्टर में धान के अलावा मुंग, अरहर तथा मक्का आदि फसल की खेती किसानों से कराया जाएगा। बताया कि, जलवायु परिवर्तन के कारण किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। आंधी, ओलावृष्टि व वर्षा के अलावा बाढ़ और सुखाड़ के कारण किसानों का काफी नुकसान उठाना पड़ता है। ऐसे में मौसम के अनुसार मौसम आधारित खेती करने के लिए किसानों को प्रेरित किया जा रहा है। बताया कि, फसल चक्र अपनाकर किसान खुशहाल होंगे। फसल की सुरक्षा के लिए फसल चक्र अपनाना जरूरी है। हरनाही के किसान अजब लाल चौधरी बताते हैं कि, कृषि विभाग की इस पहल से किसानों में खुशहाली आएगी। जलवायु आधारित खेती करने से कम लागत में किसान अधिक उपज प्राप्त कर सकते है। परदेसिया के किसान महेश प्रसाद बताते हैं कि, कृषि विभाग और कृषि विज्ञान केंद्र की इस पहल से किसान लाभान्वित होंगे।


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