476 लाभुकों को है पीएम आवास किस्त की राशि का इंतजार

संस, सिकटी (अररिया): प्रधानमंत्री आवास योजना में सहयोग नहीं करने वाले लाभार्थियों के विरूद्ध कार्रवाई की तैयारी जोर-शोर से जारी है और इसी का परिणाम है कि आवास निर्माण के मामले में सिकटी जिले में दूसरे पायदान पर है। इधर कई ऐसे लाभुक भी हैं जिन्हें योजना के तहत मिलने वाली राशि का इंतजार है। राशि नहीं मिलने के कारण इसका प्रभाव योजना की प्रगति पर देखने को मिल रहा है। सरकार द्वारा करीब एक माह से इस मद में राशि नहीं दी गई है। सिकटी प्रखंड में 476 ऐसे लाभुक हैं जो प्रथम, द्वितीय या तृतीय किस्त के इंतजार में हैं। राशि नहीं मिलने के कारण ऐसे लाभुकों का आवास पूर्ण नहीं हो पा रहा है। ज्ञात हो कि वित्तीय वर्ष 2016-17 में सरकार ने गरीबों को आवास देने वाली इस योजना में बड़ा बदलाव किया। बदलाव के दौरान न सिर्फ योजना का नाम इंदिरा आवास से बदलकर प्रधानमंत्री आवास योजना किया गया बल्कि मिलने वाली राशि में भी बदलाव किए गए। तब से लेकर अब तक सिकटी में 6988 लाभुकों को इस योजना के तहत प्रथम किस्त दी गई है। इनमें से कई लाभुकों ने किस्त के अनुकूल कार्य भी कर लिया परंतु अगली किस्त नहीं मिलने के कारण निर्माण कार्य ठप पड़ा हुआ है। जबकि 5578 लाभुकों का कार्य पूर्ण है। इनमें से करीब 42 ऐसे लाभुक है जिन्हें योजना के तहत चयन कर सारी प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई है। परंतु उन्हें अब तक प्रथम किस्त नहीं मिल पाई है। शेष बचे 202 लाभुक को दूसरी और 232 लाभुकों को तीसरी किस्त का इंतजार है। प्रखंड में 223 ऐसे लाभुक हैं, जो प्रथम किस्त लेने के बावजूद आवास निर्माण में रुचि नहीं ले रहे हैं। ऐसे लाभुकों को चिन्हित कर कार्रवाई की जा रही है। हर गरीब को पक्का मकान---सरकार ने 2024 तक हर गरीब को पक्का मकान मुहैया कराने का लक्ष्य अख्तियार कर रखा है।


दूसरे पायदान पर सिकटी प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर जिले में सिकटी दूसरे स्थान पर है। वित्तीय वर्ष 2016-17 से लेकर 2021-22 तक के प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ग्राम सभा से पारित, पोर्टल पर अपलोड, आधार लिकिग, स्वीकृति, प्रथम, द्वितीय और तृतीय किस्त के भुगतान और आवास पूर्णता के मामले में सिकटी का प्रदर्शन अच्छा है। वहीं, बीडीओ राकेश कुमार ठाकुर ने बताया कि आवास योजना की राशि गबन करने वालों के विरूद्ध सरकारी राशि का गबन का मामला भी दर्ज हो सकता है। आवास निर्माण को लेकर विभाग तत्पर है।

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