पहली वर्षा में खुल गई जलनिकासी व्यवस्था की पोल

संस, सहरसा: शहर में चार महीने से जलनिकासी के लिए प्रशासन द्वारा की गई तैयारी फ्लाप शो में तब्दील हो गया। शहर के लगभग सभी मोहल्ले में पहली ही वर्षा में पानी जमा हो गया है। मंगलवार को दिनभर रूक- रूक कर हुई बारिश से लोगों के दैनिक जनजीवन पर भी प्रभाव पड़ा है। स्कूल-कोचिग जानेवाले छात्र, सरकारी कर्मी व अन्य लोग छाता- बरसाती आदि के सहयोग से अपना कार्य निष्पादित करते रहे। जबकि लोगों को गर्मी से भी निजात मिली है।

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जलनिकासी माइक्रोप्लान का नहीं दिखाई दे रहा है असर

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जिला प्रशासन विगत चार महीने से सहरसा शहर की जलनिकासी के प्रयास में जुटा है। परंतु अबतक ना तो महत्वपूर्ण नालियों का निर्माण कार्य पूरा हो सका और न ही संप हाउस का निर्माण पूरा हो सका। मानसून पूर्व अप्रैल और मई माह की बारिश में ही नगर के सभी मोहल्ले में पानी लग गया था, और लोगों को स्थिति का अंदाजा लग गया था। मंगलवार को जैसे ही बारिश शुरू हुई, नगर के लोगों की घबराहट बढ़ गई है। तैयार किए गए माइक्रोप्लान में प्रशासन नालियों के भरोसे जलनिकासी नहीं होने की बात को लेकर खुद सरेंडर कर गया है। इसमें जगह- जगह पंपसेट लगाने का प्रस्ताव दिया गया है। मानसून पूर्व हुए बारिश के पानी का पंपसेट से निकालने का प्रयास भी विगत एक पखवाड़े से चल रहा है। इससे अबतक कोई खास उपलब्धि नहीं मिली है। अगर लगातार बारिश हुई, तो शहर की स्थिति क्या होगा, उसपर लोगों की नजर टिकी हुई है।
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झमाझम वर्षा से किसानों में खुशी, धान की रोपनी शुरू
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फोटो: 28 एसआर 21
संसू, कहरा (सहरसा): आद्रा नक्षत्र में शुरू हुई मानसून की वर्षा से किसानों के चेहरे खिल उठे हैं। धान की रोपनी के लिए यह सबसे उपयुक्त नक्षत्र माना जाता है। किसान धानरोपनी करने लगे हैं। किसान रोहिणी नक्षत्र में विभिन्न प्रकार के धान की बीज डालकर बिचड़ा तैयार किये थे। वर्षा से पहले भी कुछ किसान अपने निचले हिस्से की खेतों में पंपसेट आदि उपकरणों से धान की रोपाई किया हैं। प्रखंड कृषि पदाधिकारी सुधाकर पांडे ने बताया कि प्रखंड के कुल रकबा 8519 हेक्टेयर मे से 6850 हेक्टेयर में धान लगाने का लक्ष्य निर्धारित है। वर्षा होने से किसानों का धान का फसल ससमय रोपाई होगा।और फसल की अच्छी पैदावार होने की संभावना है।
संसू, सौरबाजार (सहरसा): मंगलवार को इलाके में वर्षा होने से यहां के किसान धीरे-धीरे धान रोपाई कार्य शुरू कर दिया है। वर्षा से मूंग की फसल थोड़ा नुकसान हुआ है, लेकिन धान रोपाई कार्यों में तेजी आने लगी है। बीते कई दिनों से वर्षा नहीं होने के कारण धान रोपाई कार्य में तेजी नहीं आ रहा था।

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