शहरी परिक्षेत्र के 10 चौराहों पर तैनात हुए 112 डायल वाहन, 24 घंटे रहेगा कार्यरत

जागरण संवाददाता, पूर्णिया : अब महानगरों की तर्ज पर पूर्णिया शहर में भी पुलिस की क्विक रिस्पांस काम करने लगी है। 112 नंबर डायल करते ही अब बीस मिनट में पुलिस घटनास्थल पर मुस्तैद मिलेगी। मंगलवार को। इसके लिए प्रथम चरण में जिले को मिले 10 वाहनों को आइजी सुरेश प्रसाद व पुलिस अधीक्षक दयाशंकर ने संयुक्त रुप से हरी झंडी दिखाकर निर्धारित चौराहों के लिए रवाना किया।

पूर्णिया जिले को इस तरह के कुल 70 पुलिस वाहन उपलब्ध कराया जाना है। इन वाहनों के उपलब्ध होने पर पूरे जिले में यह सुविधा बहाल हो जाएगी। फिलहाल शहरी परिक्षेत्र के दस प्रमुख चौराहों पर इन पुलिस कर्मियों के साथ इन वाहनों की तैनाती रहेगी। यह सुविधा लोगों को 24 घंटे उपलब्ध होगी। इन वाहनों में जीपीएस से लेकर अन्य सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध है।इस वाहन से जिले के सभी गश्ती वाहन भी सीधे जुड़े रहेंगे ताकि अगर कहीं से किसी तरह की सूचना मिलती है तो तत्काल नजदीक के पुलिस गश्ती वाहन को घटनास्थल पर भेजा जा सके। इसकी पूर्णिया में शुरूआत होने से खासकर स्कूली छात्राओं एवं महिलाओं को किसी भी तरह की आपात स्थिति में पुलिस की आसानी से मदद मिल पाएगी। इन चौराहों पर फिलहाल रहेगी तैनाती

मंगलवार को जिन वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया है, उसकी तैनाती का स्थान भी निर्धारित कर दिया गया है। इसमें खजांची हाट थाना क्षेत्र का नगर निगम चौक, पोलिटेकनिक चौक व उर्स लाइन चौक शामिल है। इसी तरह सदर थाना क्षेत्र के जीरो माइल गुलाबबाग चौक, सोनैली मोड़ चौक व रामबाग चौक पर एक-एक वाहन दिया गया है। मधुबनी टीओपी क्षेत्र के मझेली चौक, मुफस्सिल थाना क्षेत्र के बेलोरी चौक के साथ-साथ सहायक खजांची हाट थाना क्षेत्र के रजनी चौक व लाइन बाजार चौक पर एक-एक वाहन 24 घंटे उपलब्ध रहेंगे। इस 112 नंबर वाले पुलिस क्वीक रिस्पांस टीम के वाहन पर तीन शिफ्ट में पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। इसमें एक पुलिस पदाधिकारी एवं दो पुलिस के जवान बारी- बारी से ड्यूटी करेंगे। इस वाहन पर जिन पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगाई जाएगी वैसे पुलिस कर्मियों को 15 दिनों का विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। इस वाहन पर वैसे पुलिस कर्मियों को तैनात किया जाएगा जो तकनीकी मामले में दक्ष होंगे।
जानकारी के अनुसार किसी घटना की सूचना किसी पीडित द्वारा उक्त नंबर पर दिए जाते ही उसका पूरा लोकेशन वाहन में बैठे पुलिस कर्मी को मिल जाएगा। इसके अलावा इस वाहन के जीपीएस से जुड़े जिले के गश्ती वाहन को तत्काल इस लोकेशन की सूचना फारवर्ड हो जाएगा कि किस क्षेत्र के किस पीड़ित को कहां पर मदद की जरूरत है। इस सेवा के शुरू होने से कई तरह की घटनाओं पर लगाम आसानी से लग पाएगा।

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