मूसलाधार वर्षा से सब्जी किसानों को भारी नुकसान, धान की शुरु हुई रोपनी

संवाद सहयोगी वीरपुर (सुपौल): भारत-नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र में मंगलवार की सुबह से हुई जोरदार बारिश से जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। लोगों के घरों एवं आंगन में पानी लग गया है। कोशी तटबंध के बगल में बसे गांवों में सीपेज के पानी से गांव झील में तब्दील हो गए हैं। हालांकि किसानों ने धान की रोपनी बड़े पैमाने पर शुरू कर दी है। गौरतलब हो कि भारी बारिश से सब्जी की खेती को भारी नुकसान हुआ है। समदा, दीनबन्दी, कोचगामा, रतनपुर , विशनपुर एवं बसंतपुर में किसान बड़ी संख्या में सब्जी की खेती करते हैं। यहां से उत्पादित सब्जी फारबिसगंज से लेकर मधुबनी जिले के विभिन्न मंडियों तक जाती हैं। परंतु भारी बारिश के कारण सब्जी की खेतों में भी पानी लग जाने से पौधे सूखने का डर बन गया है।


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किसानों ने शुरू की धान की रोपनी भारी बारिश का फायदा उठाते हुए बड़ी संख्या में किसानों ने धान की रोपनी शुरू कर दी है । रतनपुर, सातनपट्टी, भगवानपुर जो तटबंध के सटे ग्राम पंचायत है।शिपेज के पानी से बचने के लिए अग्रिम धान की रोपनी करते है। ताकि बाढ़ के दिन आने तक फसल बडा हो जाय और डूबने का खतरा न रहे। हालांकि बड़ी संख्या में किसानों के पास बिचड़े की भी समस्या बाधा खड़ी कर रही है।
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गांव मोहल्लों में घुसा बरसात का पानी
भारी बारिश के कारण लोगों के घर मोहल्ले में बरसात का पानी घुस गया है। जिसमे लोगों को घरों से निकलना भी मुश्किल हो गया है। पिपराही दलित बस्ती, लालमनपट्टी दलित बस्ती, साहेवानटोला, फतेहपुर आदि गांव के लोगों को बरसात के पानी के जलजमाव के कारण घरों से निकलना कठिन हो रहा है। नगर पंचायत के भगत मोहला, कोसी कॉलोनी,सहित विभिन्न वार्डो में जलजमाव के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नगर पंचायत की ओर से नाला निर्माण में लाखों की लागत खर्च किये जाने के बावजूद नाले से पानी की समुचित निकासी नहीं होने के कारण जलजमाव की स्थिति पैदा हो गई है।

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