सारण में वर्षा से मौसम हुआ सुहाना, किसान गदगद

सारण। सारण में मंगलवार को मौसम ने करवट ली। सुबह से आसमान में बादल छाए हुए थे। दोपहर के बाद हवा के झंकोरे शुरू हुए और शाम होने के पहले झमाझम वर्षा हो गई। तेज हवा, गरज व चमक के साथ बादल बरसे तो मौसम में ठंडक घुल गई। पारे में गिरावट आई और लोगों को गर्मी से राहत मिली। यह वर्षा शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण अंचलों तक हुई। गांवों के किसानों के चेहरे पानी को देख खिल उठे।

खरीफ फसलों को लेकर निराश किसानों में आस जग गई। हालांकि इस वर्षा ने छपरा शहर के लोगों का कष्ट बढ़ा दी। शहर की अधिकांश सड़कें व गलियां पानी व कीचड़ से लबालब हो उठीं। धान की फसल होने की जगी उम्मीद वर्षा न होने से किसानों में चिता के भाव थे और खरीफ फसलों को लेकर वे निराश हो गए थे। गरज के साथ बादल बरसे तो उनमें धान की फसल होने की उम्मीद जग गई है। जिले में 83090 हेक्टेयर भूमि में धान की खेती का लक्ष्य है। इसके लिए 8309 हेक्टेयर में धान के बिचड़े डाले जाने हैं। वर्षा न होने की वजह से अबतक 25 फीसद ही बिचड़ा डाला गया है। ये बिचड़े भी तेज धूप में सूखने लगे थे। अब इन बिचड़ा वाले खेतों में जान आ गयी है। सब्जी की खेती करने वाले किसान खुश सब्जी वाले खेतों में इस वर्षा से नमी लौट आयी है। इससे सब्जी उत्पादक किसान खुश हैं। तपती गर्मी में जल रही उनकी सब्जी की फसलों में हरियाली लौटने वाली है। खेतों में नई सब्जियां लगेंगी तो पुराने पौधों में नए फल आएगे। यह वर्षा एक ओर जिले में सब्जी का उत्पादन बढ़ाएगी तो दूसरी तरफ बाहर के सब्जी पर जिले वासियों की निर्भरता कम होगी। इसके साथ ही मक्का व अन्य खरीफ फसलों की खेती भी शुरू हो जाएगी। डबल डेकर निर्माण से कीचड़ और जलजमाव शहर में हो रहे डबल डेकर का निर्माण यहां के लोगों के लिए आफत बन गया है। वर्षा के बाद इस पुल निर्माण से कई सड़क व गलियों में कीचड़ व पानी भर गया है। इससे आम लोगों का पैदल चलना दुभर है। बाजार से लेकर आवासीय कालोनियों तक में पानी-कीचड़ ने लोगों को परेशान कर रखा है। नगर निगम प्रशासन इसके लिए पूर्ण रूप से डबल डेकर निर्माण की धीमी गति को जिम्मेदार बता रहा है। वैसे शहर के अन्य कई नालियां भी जाम हैं और पानी निकासी न होने से वर्षा के बाद जलजमाव व कीचड़ की स्थिति बन जा रही है।


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