23 पंचायतों के पंस व लेखापाल सह आइटी सहायक के वेतन पर रोक

मधुबनी । जिले के आठ प्रखंड क्षेत्र स्थित 23 पंचायतों का अंकेक्षण अब तक नहीं कराया गया है। वित्तीय वर्ष 2020-21 का अंकेक्षण कराने में अब तक इन पंचायतों के द्वारा लापरवाही बरती गई है। जबकि, विभाग ने हरहाल में 30 जून तक अंकेक्षण करा लेने का लक्ष्य निर्धारित कर रखा है। निर्धारित तिथि तक अंकेक्षण नहीं कराने पर भारत सरकार द्वारा 15वें वित्त आयोग की राशि नहीं भी दी जा सकती है। अंकेक्षण में लापरवाही बरतने पर पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव ने नाराजगी भी व्यक्त की है। लापरवाह कर्मियों का वेतन रोकने का आदेश भी दिया है। विभागीय आदेश के आलोक में जिला पंचायत राज पदाधिकारी ने उन सभी 23 पंचायतों के पंचायत सचिव एवं लेखापाल सह आइटी सहायक के वेतन भुगतान पर रोक लगा दिया है, जिन्होंने अब तक अंकेक्षण नहीं कराया गया। साथ ही अंकेक्षण कार्य में लापरवाही बरतने के लिए अपने-अपने बीडीओ के माध्यम से चौबीस घंटे के अंदर स्पष्टीकरण भी मांगा है। वहीं 30 जून तक अंकेक्षण कराकर अंकेक्षण रिपोर्ट अपलोड कराने को भी कहा है। इस संबंध में डीपीआरओ ने संबंधित प्रखंड के बीडीओ एवं बीपीआरओ को पत्र भेजा है। जिन पंचायत सचिवों के वेतन पर रोक लगाया गया है, उसमें मनोज कुमार झा, योगेन्द्र साहु, कृष्णदेव सिंह, पवन कुमार सिंह, सूर्यनाथ सिंह, राम नारायण राम, विजय कुमार झा, सुरेश चन्द्र मांझी, कमल कांत ठाकुर, सिया प्रसाद यादव, भुवनेश्वर यादव, मनोज कुमार, इशराहुल हक, राम स्वार्थ ठाकुर व गंगाराम राउत शामिल हैं।


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इन पंचायतों ने नहीं कराया गया अंकेक्षण :
बाबूबरही प्रखंड की मुरहद्दी, घोघरडीहा प्रखंड की बसुआरी व परसा दक्षिणी, बासोपट्टी प्रखंड की हत्थापुर परसा व मढि़या, बिस्फी प्रखंड की खैरी बांका उत्तर, खैरी बांका दक्षिण, नाहस रुपौली दक्षिण व नूरचक, लखनौर प्रखंड की मैवी व कैथिनियां, मधेपुर प्रखंड की तरडीहा, महिसाम, नवादा, रहुआ संग्राम, करहारा व डारह, लदनियां प्रखंड की गजहारा व गिदवास और मधवापुर प्रखंड की सलेमपुर, उत्तरा, बासुकी बिहारी व मुखियापट्टी। इन पंचायतों के पंचायत सचिव व लेखापाल सह आइटी सहायक के वेतन भुगतान पर रोक लगाया गया है।
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