दिल्ली में टीबी पर आयोजित कार्यक्रम में पूर्णिया की जीविका दीदियों ने लिया हिस्सा

जागरण संवाददाता, पूर्णिया। कर्नाटक स्वास्थ्य संवर्धन ट्रस्ट यूएसएआइडी और स्वास्थ्य परिवार एवं कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के सौजन्य से आयोजित एक दिवसीय कार्यक्रम में पूर्णिया की दो जीविका दिल्ली शामिल हुईं। लौटने के बाद स्थानीय जीविका कार्यालय में डीपीएम जीविका ने स्वागत किया।

टीबी पर आयोजित राष्ट्रीय परामर्श के आयोजन में दोनों जीविका दीदियों ने हिस्सा लिया। टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में जीविका दीदी भी सहयोग कर रही है। जिले में समुदाय स्तर पर रोगियों के लक्षण पहचनाने और जागरूकता अभियान का हिस्सा हैं। कार्यक्रम में स्वास्थ्य परिवार एवं कल्याण मंत्री डा. मनसुख मांडविया और राज्य मंत्री डा. भारती प्रवीण पवार सहित कई अधिकारी मौजूद थे। तेलंगाना, कर्नाटक, असम के अलावा बिहार के केवल पूर्णिया जिले की दो जीविका दीदी प्रीति और पूजा को इस कार्यक्रम में शामिल के लिए बुलाया गया था। जिले में वापस आने के बाद शहर स्थित केयर इंडिया के कार्यालय के सभागार में सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में संचारी रोग पदाधिकारी डा. साबिर, केयर इंडिया के डिटीएल आलोक पटनायक जीविका के डीपीएम सुनिर्मल, संचार प्रबंधक राजीव रंजन आदि मौजूद थे। दोनों दीदी को पुष्प गुच्छ से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर केएचपीटी से जुड़े श्यामदेव राय, पंकज कुमार, सोमनाथ झा, अभिषेक रंजन, रवि कुमार और सिफार के प्रमंडलीय कार्यक्रम समन्वयक धर्मेंद्र कुमार रस्तोगी उपस्थित थे।

टीबी को खत्म करने की लड़ाई में जीविका समूह का अहम योगदान:-
संचारी रोग पदाधिकारी डा. साबिर ने कहा कि टीबी मुक्त भारत अभियान में स्वास्थ्य विभाग का सहयोग केएचपीटी, केयर इंडिया सहित कई अन्य सहयोगी संस्थाओं कर रही है। जीविका समूह से जुड़ी दीदियों के सहयोग से इसका समुदाय स्तर पर व्यापक प्रभाव हुआ है। ग्रामीण स्तर पर कार्य करने का जज्बा इन लोगों के पास सबसे अधिक होता है। भारत से टीबी को खत्म करने की लड़ाई में ग्रामीण स्तर से लेकर जिला स्तर तक जीविका समूह से जुड़े अधिकारियों और दीदियों का योगदान काफी सराहनीय है। संक्रमित व्यक्ति का नियमित दवा का सेवन आवश्यक -:
जीविका की दीदी किसी भी बीमार व्यक्ति या संक्रमित मरीजों के साथ अच्छा व्यवहार करती है। अपनी सुरक्षा करते हुए उन्हें भी स्वास्थ्य रखने के लिए प्रेरित करती है। ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं जीविका समूह से जुड़कर और स्वरोजगार अपनाकर आसपास की महिलाओं को स्वास्थ्य और पोषण के संबंध में डोर टू डोर भ्रमण करती हैं। साप्ताहिक और मासिक बैठक का आयोजन भी करती हैं। महिलाओं और किशोरियों को मासिक धर्म के समय स्वच्छता, गर्भवती महिलाओं के खानपान, धातृ महिलाओं को स्तनपान, टीबी संक्रमित मरीजों को पौष्टिक आहार खाने आदि के बारे में जानकारी देती हैं। विभिन्न प्रकार के संक्रमण सहित हाथों की सफाई को लेकर भी जागरूक किया जाता है। टीबी मरीजों का नियमित दवा का सेवन करना आवश्यक है। इसके लिए रोगी की निगरानी की जाती है।
जीविका समूह का योगदान बेहतर --
दिल्ली से लौटने के बाद जीविका दीदी प्रीति कुमारी ने बताया कि विगत छह वर्षो से जीविका समूह के साथ जुड़कर कार्य कर रही हैं। अभी तक किसी बड़े कार्यक्रम के आयोजन में जाने का मौका नहीं मिला। इस बार कार्यक्रम में भाग लेने का मौका मिला। टीबी बीमारी के प्रति स्थानीय ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए ही चयन किया गया है। पूजा कुमारी का कहना है कि 2017 से जीविका के साथ जुड़कर कार्य करने में आत्मसंतुष्टि मिलती है। घर परिवार के साथ रहते हुए हजारों महिलाओं को जागरूक कर विभिन्न तरह के रोगों के बारे में जानकारी देना मानवता का परिचायक है।
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