जिले में मनरेगा से जुड़ी 187 योजनाओं की जांच शुरू

जिले में मनरेगा से जुड़ी 187 योजनाओं की जांच शुरू

अरवल : जिले की 64 पंचायतों में वित्तीय वर्ष 2020-21 के अंतर्गत मनरेगा के तहत अलग-अलग 447 योजनाएं संचालित की गई थी। इनमें से कई योजनाओं की अब जांच शुरू हो गई है। 84 करोड़ की लागत से चार आंगनबाड़ी केंद्र, 25 जगहों पर वेस्ट प्रोसेसिंग यूनिट, छह जगहों पर चेक डैम, 152 पशु शेड का निर्माण किया गया था। अब सभी योजनाओं की जांच कराई जा रही है। अलग-अलग विभाग के अधिकारियों की टीम ने कुल 12 पंचायतों में योजनाओं की स्थलीय जांच की, जिसमें तीन पंचायतों की रिपोर्ट आ गई है। जांच में कई गड़बड़ी पकड़ी गई है। पक्का कार्य में मानक की अनदेखी की गई है। ये सभी कार्य पंचायत रोजगार सेवक, पंचायत तकनीकी सहायक और कनीय अभियंता ने कराए थे। अब इन पर कार्रवाई की तैयारी है।

योजनाओं की जांच से पंचायतों में हड़कंप
डीडीसी रविंद्र कुमार ने बताया कि सभी योजनाओं की जांच कराई जा रही है। तीन पंचायत की जांच रिपोर्ट में गड़बड़ी उजागर हुई है, जिसके आधार पर राशि का भुगतान रोक दिया गया है। अब सभी योजनाओं जांच बाद ही भारत सरकार से राशि का आवंटन मिलने पर भुगतान किया जाएगा। योजनाओं में गड़बड़ी करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। इधर, योजनाओं की जांच शुरू होने से पंचायतों में हड़कंप मच गया है। मनरेगा योजना से जुड़े पदाधिकारी व जनप्रतिनिधि की परेशानी बढ़ने लगी है। कई तरह के कयास लगा रहे हैं। मनरेगा में कार्य की गुणवत्ता को लेकर शुरू से ही सवाल उठते रहे हैं। इलाके के कई लोगों ने योजनाओं में अनियमितता को लेकर लिखित शिकायत की थी। उनका आरोप था कि पंचायतों के विकास के लिए जो कार्य कराए जा रहे हैं उसमें व्यापक रूप से भ्रष्टाचार किया गया है। पक्का कार्य में मानक के विपरीत काम किया गया है। बहरहाल, यह जांच के बाद सामने आएगा।
बता दें कि सोनभद्र वंशी सूर्यपुर प्रखंड की खड़ासीन पंचायत में गुरुवार को केंद्रीय टीम योजनाओं की जांच के लिए पहुंची थी। जांच टीम में शामिल अमरेंद्र कुमार व अमरनाथ कुमार के द्वारा वर्ष 2016-17 से लेकर 2021 तक पंचायत में किए गए विकास कार्यों की जांच की गई। मिट्टी भराई, पीसीसी, नाली-गली पशु शेड, पौधारोपण आदि योजनाओं की जांच की थी।कुल 35 योजनाओं की जांच की गई।

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