कमतौल के युवक से 18 लाख की ठगी में तेलांगना से रिमांड पर लिया जाएगा शातिर आकाश

दरभंगा। दरभंगा पुलिस 18 लाख की ठगी में तेलांगना से आकाश कुमार को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। साइबर ठगी मामले में ओड़िसा, पुणे और गुजरात के बाद तेलांगना पुलिस के हत्थे चढ़े आकाश कमतौल थानाक्षेत्र के व्यवसायी सोहित को शो-रूम खोलने के नाम पर 18 लाख रुपये का ठगी की है। इसको लेकर पांच मई 2022 को पीड़ित ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी। साइबर ठग फर्जी ढंग से किसी एक चर्चित कंपनी का बेबसाइट बनाकर शो-रूम खोलने का विज्ञापन निकालता था। आवेदक के आवेदन करने के बाद सारी जानकारी के तहत आवेदक को फोन करता था। इसके बाद धीरे-धीरे डीलरशिप, एजेंसी और फ्रेंचाइजी दिलाने के लिए रजिस्ट्रेशन राशि, एनओसी राशि, लाइसेंस दिलाने की राशि, सुरक्षित जमा राशि, अग्रधन राशि आदि कर कंपनी के नाम पर रुपये मंगाता था। इसके बाद उक्त राशि को विभिन्न खातों में ट्रांसफर कर एक साथ एक ही दिन में सारी राशि निकासी कर लेता था। साइबर ठगी होने पीड़ित को एहसास तक नहीं होने देते था। दरअसल, वह कंपनी का सर्वर भी हैक कर लेता था। यही कारण है कि जानकार होने के बाद बड़े-बड़े व्यवसायी फंस गए। कमतौल पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया। इस बीच एक अगस्त को जब तेलांगना पुलिस पटना के पत्रानगर थानाक्षेत्र स्थित हनुमानगंज मोहल्ला में छापेमारी की तो साइबर ठगी के बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश हो गया । तेलांगना के साइबराबाद के रहने वाले चिलुका विजय कुमार से गिरफ्तार आकाश ने 29 लाख रुपये ठगी की थी।


इस मामले की जानकारी मिलते ही दरभंगा पुलिस भी सक्रिय हो गई है। सदर एसडीपीओ कृष्णनंदन कुमार ने बताया कि उन्हें गिरफ्तारी की सूचना मिली है। बहुत जल्द दरभंगा पुलिस तेलांगना जाकर आरोपित को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। बता दें कि नालंदा जिले के कतरीसराय थानाक्षेत्र के गंगापुर निवासी आकाश के पटना स्थित किराए के मकान से 33 लाख नकदी, हीरे का हार और हीरे की अंगूठी सहित कई भूखंड व मकान के कागजात बरामद किए गए हैं। उसके घर से तेलांगना पुलिस ने एक डायरी भी बरामद भी किया है। जिसमें अपनी पूरी करतूत का हिसाब लिखा है। मसलन सिम, लेपटाप, बेबसाइट बनाने आदि तक हिसाब लिखा है। साथ ही वह किस-किस से कितनी राशि की ठगी और उसे कहां खर्च किया इसकी डेड बाय हिसाब अपनी डायरी में अंकित किया है। इस डायरी में कमतौल के व्यवसायी से जैसे -जैसे रुपये की ठगी की है वह भी दिनांक दर दिनांक अंकित है। इससे पीड़ित को अब इंसाफ मिलने की उम्मीद जग गई है। गिरफ्तार आकाश जेई मेन्स के प्रतियोगिता से पास है। बावजूद, इंजीनियर बनने की जगह वह साइबर क्राइम का मास्टर माइंड बन गया। पूछताछ में उसने स्वीकार किया है कि वह चार साल से साइबर क्राइम कर रहा था। प्रतिवर्ष 25 करोड़ रुपये ठगी करने का काम किया है। इसके गिरोह में सौ से अधिक लोग शामिल हैं। जो बिहार के अलावा झारखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब आदि राज्यों के कई व्यवसायियों को ठगने का काम किया है। गिरफ्तारी से पूर्व आकाश ने गुजरात के एक कारोबारी एक करोड़ 15 लाख रुपये की ठगी की थी। जिसमें वह गिरफ्तार हुआ। लेकिन, जमानत मिलने के साथ वह फिर से साइबर अपराध करने लगा । -----------------

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