पिताजी की सोच से अलग दिख रहा माहौल

संवाद सूत्र, खड़गपुर (मुंगेर) : अंग्रेजी हुकूमत का यातनाएं बर्दाश्त करने के बाद भी देश को आजाद कराने में हवेली खड़गपुर प्रखंड की कौडिया पंचायत अंतर्गत खंडबिहारी गांव के स्व. भुवनेश्वर प्रसाद सिंह अहम भूमिका निभाया था। आंदोलन के दौरान बरियारपुर में रेलवे ट्रैक को उड़ाने में इनकी अहम भूमिका थी। पुत्र गोपाल शरण सिंह बताते है कि पिताजी हमेशा कहते थे कि भ्रष्टाचार के सामने राष्ट्रप्रेम की भावना अब घुटने टेक रही है। ईमानदारी के बदले अब दलाल किस्म के लोगों का बोलबाला हो गया है। देश प्रेम के प्रति वर्तमान के लोग उदासीन बने बैठे हुए हैं। उस वक्त समुदाय-धर्म का नामोनिशान नहीं था। वर्तमान में लोग इसकी राजनीति कर एक दूसरे को भड़काकर अलग रखना चाहते हैं। वर्तमान की हालत देखकर वह काफी दुखी होते थे। उस वक्त भ्रष्टाचार का नामोनिशान नहीं था। लोग एक दूसरे को मदद करने के लिए खड़े रहते थे, लेकिन आज के परिवेश में लोग मदद करना नहीं चाहते हैं। देश प्रेम व राष्ट्र की भावना पीछे छूटते जा रही है।


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पंचायती राज्य का सपना नहीं हुआ पूरा
फोटो-5 एमएनयू 6
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:::ऐसी चाहिए आजादी:::
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संवाद सूत्र, खड़गपुर (मुंगेर) : प्रखंड क्षेत्र की पश्चिमी रमणकाबाद पंचायत अंतर्गत बनवर्षा गांव के पंकज चटर्जी उर्फ कवि चटर्जी ने बताया कि वर्तमान समय में लोगों को सिर्फ अपनी बात कहने की आजादी मिली है। कुछ अन्य कार्य अपने मन से करने के लिए संपूर्ण रूप से आजादी नहीं मिली है आजादी के 75 वर्ष बाद भी किसानों की समस्याओं को दूर नहीं किया गया। प्रशासनिक पदाधिकारियों के मनमानी और भ्रष्टाचारियों का बोलबाला है। स्वतंत्रता आंदोलन के अग्रणियों का पंचायती राज को सु²ढ़ बनाने का सपना अधूरा है। सरकार के नुमाइंदे कसमे वादे खाकर बड़ी-बड़ी बातें करते हैं। लेकिन वादा सिर्फ वादा बनकर रह जा रहा है। किसानों की आवाज को सुनने वाला कोई नहीं है। पदाधिकारियों के मनमानेपन पर अंकुश लगाया जाए। भारत स्वच्छ और स्वस्थ तभी बन सकता है जब भ्रष्टाचार मुक्त समाज बनेगा। भ्रष्टाचारियों पर अंकुश लगेगा तभी देश वासियों का सपना साकार होगा।

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