जटाशंकर धाम मंदिर में श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़

बगहा। सावन के अंतिम सोमवारी के अवसर पर वाल्मीकि ब्याध्र परियोजना के सघन वन क्षेत्र में अवस्थित जटाशंकर धाम मंदिर में अहले सुबह से ही शिव भक्तों की भीड़ उमड़ी। इस अवसर पर हजारों की संख्या में शिव भक्तों ने नारायणी नदी से जल भरकर शिव मंदिर में भगवान शिव का जलाभिषेक किया। चौथी सोमवारी होने के कारण महिलाएं भी बड़ी संख्या में बाबा का जलाभिषेक करने पहुंची। लोग भगवान शिव की आराधना, फूल, बेलपत्र चढ़ाकर कर रहे हैं। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए व्यवस्थित तरीके से जलार्पण कराने के लिए प्रशासन द्वारा भी पूरी व्यवस्था की गई है।


इस बावत पंडित अनिरुद्ध द्विवेदी ने बताया कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सोमवार का दिन शिव आराधना के लिए सर्वोत्तम दिन माना जाता है। यही कारण है कि चौथी सोमवारी को बाबा का जलाभिषेक करने बड़ी संख्या में शिव भक्तों की भीड़ देखी जा रही है। इस अवसर पर महिलाओं द्वारा उपवास भी किया जाता है। सोमवारी को लेकर विभिन्न शिवालयों में शिवभक्तों की भीड़ उमड़ी। सुबह से ही भगवान शिव को जलाभिषेक करने को शिवभक्तों का तांता लगा रहा। बड़ी संख्या में शिव भक्तों ने नारायणी तट से जल लेकर पैदल चलकर विभिन्न मंदिरों में भगवान शिव का जलाभिषेक किया। बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्तों ने दूध, पुष्प, विल्व पत्र अर्पित कर भगवान शिव से सुख समृद्धि की कामना की। हर-हर महादेव, बोलबम के नारे एवं शिव जयघोष से वातावरण गुंजायमान रहा। श्रद्धालु शिवालयों में पूजा करने के लिए मंदिर के बाहर कुछ देर इंतजार करते दिखे।
शिवभक्तों ने शिवलिग पर जलाभिषेक कर मन्नत मांगी। पूरे दिन विभिन्न मंदिरों एवं शिवालयों में धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए गए।
मंदिरों में जलाभिषेक और पूजा के लिए सुबह से ही भीड़ लगनी शुरु हो गई थी। प्रतिवर्ष की भांति यहां के मंदिर परिसर में इस बार भी भव्य मेला का आयोजन किया गया है। मेले में विभिन्न प्रकार की दुकानें सजी रही।एक माह चलने वाले इस मेले का आनंद क्षेत्र के लोगो ने जम कर उठाया।श्रावणी मेले की अंतिम सोमवारी को जटाशंकर धाम गेरुआ रंग से पटा दिखाई दिया। श्रद्धालु कतारबद्ध होकर कड़ी सुरक्षा के बीच लगातार जलार्पण के लिए पहुंचे।

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