प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय ने मनाया अलौकिक रक्षा बंधन

जागरण संवाददाता, सुपौल: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा जिला मुख्यालय के वार्ड नंबर एक स्थित बलवा पुनर्वास में सोमवार को अलौकिक रक्षा बंधन मनाया गया। आयोजित कार्यक्रम में संस्था के बिहार-झारखंड की संचालिका राजयेगिनी रानी ने अलौकिक रक्षा बंधन के बाबत कहा कि रक्षा बंधन सभी पर्वों में एक अनोखा पर्व ही नहीं भारत की संस्कृति व मानवीय मूल्यों को प्रत्यक्ष करने वाला, अनेक आध्यात्मिक रहस्यों को प्रकाशित करने वाला और भाई-बहन के वैश्विक रिश्ते की स्मृति दिलाने वाला एक परमात्म उपहार है। इस पर्व पर रक्षा सूत्र बांधने से पूर्व बहन अपने भाई के मस्तक पर चंदन तिलक लगाती है जो शुद्ध, शीतल और सुगंधित जीवन जीने की प्रेरणा देता है। तिलक दाएं हाथ से किया जाता है तथा राखी भी दाएं हाथ पर ही बांधी जाती है। यह विधि हमें यह प्रेरणा देती है कि हम सकारात्मक चितन करते हुए श्रेष्ठ कर्म ही करें, जिससे आत्मा अनिष्ट परिणामों से दुखी व अशांत होने से सुरक्षित रहेगी। मिठाई खिलाने के पीछे भी मन एवं संबंधों को मीठा बनाने का राज भरा है। उन्होंने कहा कि एक पिता परमात्मा और सारा विश्व एक परिवार है। एक पिता की संतान हम सब आत्मिक नाते से भाई-भाई हैं। इस अनुभूति से आत्मिक ²ष्टि, वृत्ति, कृति बनती है, जिससे आत्मा अनेक विकारी, दुखदायी वृत्तियों के बंधनों से मुक्त होकर सच्ची स्वतंत्रता का अनुभव करती है। तत्पश्चात ही व परम पवित्र परम पिता परमात्मा से जन्म-जन्मांतर के लिए अविनाशी, सच्चे सुख और शांति प्राप्त करने का हकदार बनता है। कार्यक्रम में काफी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।

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