पूर्वोत्तर भारत से किशनगंज आने वाली ट्रेनों से होती है गांजा की तस्करी

सुभजीत शेखर, किशनगंज : पूर्वोत्तर भारत से किशनगंज की ओर आने वाली कई ट्रेनों से गांजा की तस्करी हो रही है। गांजा तस्कर रेलवे मार्ग को गांजा तस्करी के लिए सबसे सुरक्षित मार्ग मान रहे हैं और धड़ल्ले से गांजा की तस्करी किशनगंज के रास्ते अन्य जगहों पर कर रहे हैं। कई बार रेल पुलिस की कार्रवाई में इसका खुलासा भी हो चुका है और कई ट्रेन की बोगी से गांजा बरामद की गई है।

खुफिया एजेंसी के अधिकारी की माने तो नागालैंड, मिजोरम और आसाम के गांजा का तस्करी सबसे अधिक ट्रेन से होती है। खासकर इन गांजा को असम से सड़क मार्ग के रास्ते असम सीमा से सटे पश्चिम बंगाल के कई स्टेशनों में पहुंचाया जाता है। पश्चिम बंगाल के खासकर अलीपुरद्वार, कूचबिहार, दिनहाटा सहित कई रेलवे स्टेशन से ट्रेन में तस्कर गांजा को तस्करी के लिए लोड करते हैं। जिससे चोरी छिपे गांजा की खेप किशनगंज के रास्ते महानगरों तक भी पहुंचाया जाता है। जानकारी के अनुसार सबसे अधिक कंचन कन्या एक्सप्रेस, पदातिक एक्सप्रेस, सराई घाट सुपरफास्ट, तिस्ता तोर्षा एक्सप्रेस से सबसे अधिक गांजा तस्करी होती है। तस्कर इन ट्रेनों के शौचालय सहित स्लीपर और जनरल बोगी के अलग-अलग जगह गांजा छिपा देते हैं और गंतव्य स्थल पर ट्रेन पहुंचते ही डिलीवरी लेने वाले तस्करों को कोड भाषा में गांजा के रखे हुए स्थान को बता देते हैं। तस्कर के लाइनर भी उसी ट्रेन में मौजूद रहते हैं और गांजा के रखे स्थान पर नजर बनाए रहते हैं। इस तस्करी का पूरा खेल मोबाइल के माध्यम से चलता है। कुछ दिनों से ट्रेन के रास्ते किशनगंज में भी गांजा की डिलीवरी हो रही है। इसके पुष्टि बीते दिनों टाउन थाने पुलिस के द्वारा रेलवे कालोनी कैंपस से बरामद गांजा से होती हैं और गिरफ्तार पांजीपाड़ा के तस्कर ने भी खुलासा किया था कि पूर्व में भी कई बार गांजा की डिलीवरी किशनगंज रेलवे स्टेशन से लिया था। लेकिन इस बार पुलिस के हत्थे चढ़ गया। हालांकि ऐसे तस्करी में सवाल के घेरे पर आरपीएफ और जीआरपी भी है आखिर रेलवे स्टेशन कैंपस से गांजा की डिलीवरी हो रही थी, लेकिन रेलवे सुरक्षा कर्मियों को भनक तक नहीं लगी। सूत्रों की मानें तो कुछ रेलवे सुरक्षा कर्मियों की भी मिलीभगत से रेलवे मार्ग से तस्करी का खेल संचालित होता है।

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कोट के लिए:-
मादक पदार्थ तस्करी रोकने के लिए दो टीम काम कर रही है। एक बंगाल के एनजेपी और दूसरा कटिहार में टीम तैनात है। इस टीम का काम तस्करी रोकना है और कार्रवाई में लगातार पकड़े भी जा रहे हैं। असम की ओर से आने वाली ट्रेनों में गांजा तस्करी का आशंका बनी रहती है ऐसे ट्रेनों की जांच भी की जाती है।
कमल सिंह, आरपीएफ कमांडेंट, कटिहार
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