सारण में मोहर्रम पर निकाली गई ताजिया

सारण में मोहर्रम पर निकाली गई ताजिया

सारण। कर्बला की जंग और उसमें मारे गए इमाम हुसैन समेत 72 बलिदानियों की याद में छपरा के शिया समुदाय के लोगों ने मातमी जुलूस निकाला। जुलूस में नन्हे बच्चों को सीना पीटते देख बड़ों की आंखें भी नम थीं। कर्बला के रेतीले दर्द को मर्सिया पढ़ने वाली टोली और शिद्दत दे रही थी। ये मंजर मंगलवार को निकाले गए मातमी जुलूस का था। शिया मस्जिद से निकले मातमी जुलूस शहर में भ्रमण कराया गया। दो साल बाद निकला मोहर्रम का जुलूस, सतरंगी ताजियों का हुआ रुहानी मिलन जासं, छपरा : इस्लामिक साल के पहले महीने मोहर्रम में पैगंबर मोहम्मद के नवासे हजरत इमाम हुसैन की शहादत की रात को मुस्लिम कौम के लोगों ने ताजिया का जुलूस निकाला। ढोल-ताशों पर मातमी धुनें बजायीं। शहर के अलग-अलग इलाकों से ताजियों को अपने इलाकों से लेकर एक जगह चौक-चौराहे पर सतरंगी ताजियों का रुहानी मिलन हुआ। ताजिया जुलूस को लेकर इमामबाड़ा व शहर के मुस्लिम इलाकों में देर रात तक अकीदतमंदों का हुजूम दिखाई दिया। इससे पहले दो साल कोरोना महामारी के कारण ताजियों का जुलूस नहीं निकाला जा सका था। तरैया में मुहर्रम की ताजिया देखने के लिए लोगों की उमड़ी भीड़ संसू, तरैया (सारण) : प्रखंड के विभिन्न गांवों से मुहर्रम का ताजिया जुलूस मंगलवार को निकाली गई। इस दौरान रसीदपुर, राजधानी, भलुआ, चंचलिया, राजवाड़ा, माधोपुर, मुकुंदपुर, पिपरा, उसरी, पोखरेड़ा, गलिमापुर, नेवारी, नंदनपुर, गवन्द्री, डेवढ़ी,महुली समेत अन्य गांवों से ताजिया जुलूस निकली। वह शांतिपूर्ण सम्पन्न हो गया है। मदनसाठ में पृथ्वी मिसाइल बना अकर्षण का केंद्र संसू, दाउदपुर : मदनसाठ गांव में मोहर्रम के अवसर पर करीब दो लाख की लागत से पृथ्वी मिसाइल बनायी गयी है, जो आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। उसे देखने के लिए लोगों की भीड़ लगी है। बारीकी से की गई पृथ्वी मिसाइल की कारीगरी देख लोग दंग थे। बताया जाता है कि इस मिसाइल को बनाने में करीब एक माह का समय लगा है। उसमें इसुआपुर प्रखण्ड व स्थानीय युवा कलाकारों ने कारीगरी कर मिसाइल की आकृति बनाई है। वही मोहर्रम को लेकर प्रखण्ड क्षेत्र के दाउदपुर, जैतपुर, हर्षपुरा, शीतलपुर, बरेजा, कोहड़ा आदि गावों में ताजिये के साथ जुलूस निकाला गया।

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