75 के बदले राष्ट्र को समर्पित होगा जिले का महज 13 तालाब

संस, सहरसा: आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर केंद्रीय जल आयोग की देखरेख में सरकार ने हर जिले में 75 तालाब (अमृत सरोवर) निर्माण की योजना बनाई। सहरसा जिले में भी बड़े पैमाने पर तालाब व अन्य जलाशय उपलब्ध रहने के बावजूद पर तालाब को जीर्णोद्धार व सौन्दर्यीकरण के लिए चयनित किया गया। परंतु, सरकारी तालाबों के अतिक्रमण और मनरेगा योजना में राशि के अभाव में चयनित सभी तालाबों का निर्माण भी प्रारंभ नहीं हो सका। जिला प्रशासन ने इस स्वतंत्रता दिवस पर किसी तरह 15 तालाब का निर्माण पूरा करने की कोशिश की, लेकिन किसी तरह 13 तालाबों का काम पूरा होने की संभावना बनी है। इसके लिए जोर- शोर से तैयारी चल रही है। यह सभी तालाब स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राष्ट्र को समर्पित होगा।

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महज 45 तालाबों का शुरू किया गया निर्माण कार्य
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अमृत सरोवर योजना के तहत जिले के सभी दस प्रखंडों में 75 तालाब जीर्णोद्धार व सौन्दर्यीकरण के लिए चयनित किया गया। इसके 30 तालाब अतिक्रमण का शिकार है, जिसकी सूचना मनरेगा के अधिकारियों द्वारा जिलाधिकारी को दी गई। जिलाधिकारी स्तर से संबंधित अंचलाधिकारियों को इसे तत्काल मुक्त कराने का आदेश दिया गया, परंतु अबतक इन तालाबों को अतिक्रमणमुक्त नहीं कराया जा सका। जिससे मात्र 45 का निर्माण प्रारंभ हुआ। इस बीच मनरेगा योजना में मजदूरी और सामग्री मद में राशि का अभाव हो जाने के कारण इन तालाबों के निर्माण कार्य में भी सुस्ती आ गई। किसी प्रकार मात्र 13 तालाब का निर्माण पूरा किया जाने का प्रयास अंतिम स्तर पर जारी है।
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कई कारणों से 75 के बदले मात्र 45 तालाबों का निर्माण शुरू हो सका था। अतिक्रमित तालाबों को अतिक्रमणमुक्त कराने की कार्रवाई चल रही है। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर 13 तालाबों का लोकापर्ण किया जाएगा। शेष तालाबों का निर्माण कार्य अगले गणतंत्र दिवस तक पूरा कर लिया जाएगा।
अफरोज आलम
डीपीओ, मनरेगा, सहरसा।

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