रंग-बिरंगी राखी से सजा बाजार, खरीदारी बढ़ी

- बाजार में नहीं दिख रही चाइनीज राखी

संसू, नवहट्टा (सहरसा) : रक्षाबंधन त्योहार की तिथि नजदीक आने से बहनों ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। स्थानीय बाजार रंग-बिरंगी राखियों सज गया है। बाजार में इस साल चाइनीज राखी नदारद है। बहनें चाइनीज राखियां को तरजीह नहीं दे रही है। ग्रामीण बाजार में भी राजकोट, मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, जयपुर में तैयार जड़ी, रेशम, सीप, मोतियों की फैंसी राखियों की खरीदार हो रही है। देसी राखियां बहनों को खूब लुभा रही है। शहर के राखी विक्रेता शंकर कुमार ने बताया कि स्टोन, लाइट, साउंड, ब्रासलेट वाले बेहद खूबसूरत राखी काफी पसंद किए जा रहे हैं। 20 से 150 रुपये तक की आकर्षक राखी की मांग जोरों पर है। इस साल राखी के कारोबार बेहतर होने का अनुमान है। रक्षाबंधन पर राखी के साथ उपहार वस्तुएं, कपड़ों की खरीदारी चल रही है।
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डाक, कूरियर से राखी भेजने का सिलसिला जारी
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रक्षाबंधन में दो दिन शेष रहने से अपने भाई से दूर रहने वाली बहनें इंटरनेट मीडिया के माध्यम से भाइयों को रक्षा बंधन के दिन घर पहुंचने को इस तरह आग्रह कर रही हैं। जबकि परदेश में रहने वाले भाई राखी बंधवाने के लिए गांव लौटने लगे हैं। वहीं परदेश से नहीं लौटने वाले भाइयों को बहनों द्वारा डाक, कूरियर के माध्यम से राखी भेजने का सिलसिला जारी है। रक्षाबंधन पर आ रहा मिठाई का आर्डर: रक्षाबंधक को लेकर स्वीट्स कार्नर में तरह-तरह की तैयारी चल रही है। मिठाई का आर्डर आना शुरू हो गया है। खोया, छेना के तरह-तरह की मिठाई के अलावा काजू-बरफी, बेसन लड्डू, गोंद लड्डू, गुलाब जामुन, कलाकंद का भारी मांग है।
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देवताओं को बांधा जाता रक्षा सूत्र
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रक्षाबंधन त्योहार पर बहनें भाइयों के कलाई पर राखी बांधती हैं। जिस भाई को अपना बहन नहीं होती वे मुंहबोली बहन से राखी बंधवाते हैं। इससे अलग पंडितों द्वारा लोगों को रक्षा सूत्र बांधने की प्राचीन परम्परा रही है। रक्षाबंधन के दिन पंडित अपने यजमानों के यहां पहुंच मंत्रोच्चारण के बीच उनके कलाई पर रूई से तैयार रक्षासूत्र बांधते हैं। यजमान पंडितों को दान-दक्षिणा देते हैं। वहीं महिलाएं पूजा घर में स्थापित देवी-देवताओं की तस्वीर पर रक्षासूत्र अर्पित करती हैं।

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