22 और बंद राजकीय नलकूपों को चालू किया गया

22 और बंद राजकीय नलकूपों को चालू किया गया

22 और बंद सिंचाई नलकूपों को चालू किया गया एक पखवाड़े में चालू नलकूपों की संख्या बढ़कर 56 हुई जागरण संवाददाता शेखपुरा मानसून की सुस्त चाल से जिला में उत्पन्न अल्पवृष्टि को देखते हुए जिला प्रशासन ने खुद को बंद पड़े राजकीय नलकूपों को चालू करने पर फोकस कर लिया है। इस मामले में जिला पदाधिकारी सावन कुमार की लगातार निगरानी और समीक्षा की वजह से पिछले एक पखवाड़े में 22 बंद राजकीय नलकूपों को चालू कर दिया गया है। इसके साथ ही जिला में चालू सिंचाई नलकूपों की संख्या बढ़कर 56 हो गई है। बंद राजकीय नलकूपों की संख्या अभी भी 121 है। नलकूप के कार्यपालक अभियंता अजय कुमार ने बताया बंद पड़े राजकीय नलकूपों को चालू करने का प्रयास किया जा रहा है। अधिकांश नलकूप बिजली की वजह से बंद है,जिंसमें खंभे की वजह से नलकूप तक बिजली नहीं पहुंच रही है। कई नलकूप तकनीकी गड़बड़ी की वजह से बंद हैं,उन्हें भी चालू करके का प्रयास किया जा रहा है। चालू हुए 56 राजकीय नलकूपों से अब 5 हजार हेक्टेयर से अधिक खेतों को सिंचाई की वैकल्पिक सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। नलकूपों की स्थिति पर नजर रखने के लिए जिला पदाधिकारी प्रतिदिन समीक्षा कर रहे हैं। बताया गया जिला में 177 राजकीय नलकूप हैं,जिसमें 56 चालू होने के बाद अभी भी 121 बंद पड़े हैं। कई नलकूप पूरी तरह से मृत हो चुके हैं,जिनके स्थान पर नया नलकूप लगाने के लिए नया डीपीआर तैयार किया जा रहा है। मुखिया नहीं दे रहे राशि खर्च का हिसाब— बंद पड़े राजकीय नलकूपों को फिर से चालू करने के लिए सरकार ने विभाग के बजाय ग्राम पंचायतों को माध्यम बनाया है। इसके लिए मुखियों को मोटी राशि दी गई है। जिला के 50 मुखियों को इसके किए लगभग 2 करोड़ की राशि दी गई है। इस मामले में पूछने पर कार्यपालक अभियंता ने बताया खराब राजकीय नलकूपों को की मरम्मती के लिए पंचायतों को दी गई राशि का खर्च हिसाब मुखियों से मांगा जा रहा है। 50 मुखियों में से अभी तक 27 मुखियों ने इसका हिसाब दिया है और 23 का बाकी है। दी गई राशि का उपयोगिता प्रमाण-पत्र देने के बाद ही अगली किश्त जारी की जाएगी। जो मुखिया पहले की राशि का हिसाब नहीं देंगे, उनको दूसरी किस्त नहीं मिलेगी।
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