नया गठबंधन नगर निकाय चुनाव में भी बदलेगा समीकरण

संस, सहरसा। सूबे की सरकार का नया गठबंधन ऐसे समय में हुआ, जब नगर निकायों के चुनाव की तैयारी चल रही है। सहरसा नगर निगम व जिले के अन्य नगर निकायों के चुनाव की प्रशासनिक तैयारी भी तेज है। संभावित प्रत्याशियों द्वारा जनसंपर्क किया जा रहा है। इस चुनाव में हालांकि प्रत्यक्ष तौर पर दलों का हस्तक्षेप नहीं है, परंतु महापौर, उपमहापौर, नगर पंचायत अध्यक्ष- उपाध्यक्ष के पदों के लिए राजनीतिक सुरमा रणनीतिकार की भूमिका निभाएंगे। इस लिहाज से नगर निकायों का चुनाव भी इससे प्रभावित होगा।

भाजपा के विपक्षी भूमिका में आने और राजद व अन्य दलों के सत्ता में आने के कारण चुनाव की धारा भी नए सिरे से बदलेगी। इस लिहाज से राजनीतिक दिग्गजों को भी मजबूत लड़ाई के लिए नए सिरे से रणनीति गढ़ने की नौबत उत्पन्न हो गई है।

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जिले की राजनीति पर भी पड़ेगा नगर निगम चुनाव का असर
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सहरसा नगर परिषद को नगर निगम और सिमरीबख्तियारपुर नगर पंचायत को नगर परिषद में उत्क्रमण के क्रम में जहां आठ पंचायतों का अस्तित्व समाप्त हो गया। वहीं दस नगर पंचायतों को बनगांव, सोनवर्षा, सौरबाजार और नवहट्टा नगर पंचायत का रूप दे दिया गया है। सहरसा नगर निगम में पूर्व के 40 वार्डों के अलावा छह पंचायतों को शामिल कर राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार आबादी के हिसाब से दायरा बढ़ाकर 46 वार्ड कर दिया गया। इस नगर निगम में वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार दो लाख 16 हजार 491 लोग हैं, जो वर्तमान में बढ़कर लगभग साढ़े तीन लाख तक पहुंच गई है। इतनी बड़ी आबादी का नगर निगम में जुड़ने के कारण इसके प्रमुख पदों को लेकर जिले के सभी राजनीतिक दिग्गज गंभीर है। चूंकि इसका प्रभाव जिले की राजनीति पर भी पड़ेगा। इसलिए पक्ष और विपक्ष इसके लिए अपने- अपने लिहाज से रणनीति गढ़ने की कोशिश जरूर करेगा।

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