तीन वर्ष पहले निर्मित प्रखंड कार्यालय हो गया जर्जर, डीडीसी ने दिए जांच के निर्देश

तीन वर्ष पहले निर्मित प्रखंड कार्यालय हो गया जर्जर, डीडीसी ने दिए जांच के निर्देश

हुलासगंज (जहानाबाद): हुलासगंज प्रखण्ड कार्यालय का निरीक्षण गुरुवार को उप विकास आयुक्त परितोष कुमार के द्वारा किया गया। इस दाैरान प्रखण्ड कार्यालय भवन के निरीक्षण में उप विकास आयुक्त ने पाया कि मात्र तीन वर्ष पहले निर्मित प्रखंड कार्यालय के भवन में कई जगह सीलन है। भवन की दीवारों के प्लास्टर भी झड़ रहे हैं। उन्होंने भवन निर्माण के अभिलेखों को देखा। उन्होंने बताया कि अभिलेखों से पता चला कि फरवरी 2021 में तत्कालीन जिला पदाधिकारी के द्वारा भी निरीक्षण के समय इस बात को नोट किया गया था और कार्यपालक अभियंता भवन प्रमंडल से कारणपृच्छा करने का निर्देश दिया गया था। साथ ही इस स्थिति की पूरी जांच के लिए प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचल अधिकारी और कनीय अभियंता की एक टीम बनाने का निर्देश दिया गया था। उप विकास आयुक्त ने बताया कि ऐसा प्रतीत होता है कि तत्कालीन जिला पदाधिकारी के आदेश का पालन अब तक नहीं किया गया है। इस संबंध में त्वरित कार्रवाई का निर्देश प्रखंड विकास पदाधिकारी को दिया गया। आवास योजना, स्वच्छता योजना आदि से संबंधित विषयों पर भी पूछताछ की गई और अभिलेखों एवं दस्तावेजों का अवलोकन किया गया। निरीक्षण के दौरान कुछ निलंबित कर्मियों के उपस्थिति पंजी का अवलोकन भी किया। उप विकास आयुक्त ने बताया कि लगभग एक वर्ष पहले निलंबित हुए रतनी फरीदपुर प्रखंड के लिपिक सरीश कुमार का निलंबन अवधि मुख्यालय प्रखंड कार्यालय हुलासगंज में बनाया गया था। निलंबन के दौरान उन्हें उसी कार्यालय में प्रतिदिन अपनी उपस्थिति दर्ज करवानी थी, लेकिन उपस्थिति पंजी के अवलोकन से पता चला कि विगत एक साल में वे कभी भी हुलासगंज प्रखंड कार्यालय नहीं गए। इसी प्रकार काको प्रखंड कार्यालय के निलंबित जनसेवक अरविंद प्रसाद सिंह का भी निलंबन अवधि मुख्यालय प्रखंड कार्यालय हुलासगंज बनाया गया था। वे भी प्रखंड कार्यालय हुलासगंज महीने में एकाध बार ही आते हैं। कार्यालय की परिचारी अनीता देवी भी अक्सर अनधिकृत रूप से गायब रहा करती हैं। यह बातें उप विकास आयुक्त परितोष कुमार के द्वारा हुलासगंज प्रखंड कार्यालय के निरीक्षण में सामने आई। डीडीसी के द्वारा प्रखंड विकास पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि निलंबन अवधि मुख्यालय में अनुपस्थित रहने वाले कर्मियों के संबंध में सूचना विभागीय कार्यवाही के संचालन पदाधिकारी को भी दी जाए ताकि विभागीय कार्यवाही में इस अनुशासनहीनता को भी जोड़ा जा सके और दंड निर्धारित किया जा सके।

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