अंग्रेजों के खिलाफ बुने जाते थे ताने, अब शायद ही कोई इस जगह को पहचाने

बगहा। बगहा नगर के वार्ड नंबर 21 बनकटवा मोहल्ला में एक ऐसा मंदिर है जिसकी पहचान देवालय से कम कांग्रेसियों से ज्यादा है। यहां स्वाधीनता संग्राम सेनानियों को पनाह मिलती थी। क्रांतिकारी अंग्रेजों के खिलाफ ताना-बाना बुनते थे। चंपारण का आंदोलन हो या आसपास अंग्रेजों के खिलाफ घटित घटनाएं सब में कहीं न कहीं परोक्ष रूप से इस मंदिर का हाथ होता था। वर्ष 1945 तक इस मंदिर में कांग्रेसी नेताओं का आना-जाना हुआ। आजादी मिलने के बाद नेता लोग इस मंदिर को भूल गए। डेढ़ सौ साल पुराना यह कांग्रेसी मंदिर अपना इतिहास समेटे खंडहर में तब्दील होता जा रहा है। 87 वर्षीय महाबीर प्रसाद बताते हैं कि डेढ सौ साल पहले बिदेश्वरी कलवार ने बनकटवा में भव्य मंदिर का निर्माण कराया। देखभाल के लिए पटन पांडेय को पुजारी नियुक्त किया गया था। इसके लिए उन्होंने 28 कट्ठा जमीन दान दी थी। देश में स्वाधीनता संग्राम ने जोर पकड़ा तो क्रांतिकारी इस मंदिर में पनाह लेने लगे। पुजारी भी क्रांतिकारियों की मदद करते थे। अंग्रेजों को यहां बनी योजनाओं की भनक तक नहीं लगती थी। स्थानीय कमलनाथ तिवारी के बुलावे पर भगत सिंह भी यहां आकर आजादी का बिगुल फूंक चुके हैं। सबकुछ गोपनीय होने के चलते उस समय का कोई साक्ष्य नहीं है। संरक्षण की बाट जोह रहा मंदिर


75 वर्षीय बिकाउ यादव कहते हैं कि आजादी 75 साल गुजरने के बावजूद किसी ने इस ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित करने की जहमत नहीं उठाई। मंदिर परिसर की जमीन पर लोगों ने अवैध कब्जा जमा लिया है। मंदिर का आधा हिस्सा खंडहर में तब्दील हो गया है। इसे भी लोग कब्जाते जा रहे हैं। अनदेखी का आलम यूं ही रहा तो आने वाले दिनों में कांग्रेसी मंदिर का ईंट तक नहीं दिखाई देगा। बोले गणमान्य :
बगहा अनुमंडल के लिए ही नहीं पूरे देश के लिए कांग्रेसी मंदिर धरोहर है। आजादी के लिए क्रांतिकारियों ने यहां लगातार बैठक करते हुए अंग्रेजों के खिलाफ बगावत किया था। इस धरोहर को सवांरने की दरकार है। आने वाली पीढियों को भी इसकी जानकारी देने के लिए पहल करनी चाहिए।
हरिवंश सिंह, समाजसेवी प्रभार लेने के बाद इस ऐतिहासिक मंदिर के जीर्णोद्वार के लिए पुरातत्व विभाग को पत्र लिखा था। इसे नगर का धरोहर बताते हुए सुरक्षित करने की मांग की गई थी। बावजूद इसके कोई पहल नहीं हुआ। इसे संग्रहालय बनाने की दरकार है।
जरीना खातून, निर्वतमान सभापति, नप, बगहा मैं इस ऐतिहासिक मंदिर के बारे में सूना हूं। इस मंदिर का जीर्णोद्धार होना चाहिए। इसकी जांच करते हुए मैं इसके जीर्णोद्वार के लिए आवाज बुलंद करने के साथ संबंधित विभाग से मिलकर हर संभव प्रयास करूंगा।
जयेश सिंह, कांग्रेस नेता मैंने स्वयं इसकी सूचना मिलते ही इस मंदिर का निरीक्षण किया। मंदिर खंडहर बनता जा रहा है। इसका जीर्णोद्वार कांग्रेस काल में ही कर देना चाहिए था। मैं इस ऐतिहासिक मंदिर के जीर्णोद्वार के लिए वचन दिया हूं। इसके लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों से मिलकर पहल करूंगा।
राम सिंह, बगहा, विधायक

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