स्वतंत्रता के सारथी: अभिव्यक्ति की आजादी के प्रति तत्पर हैं अधिवक्ता मो. जब्बार



जागरण संवाददाता, अररिया : नरपतगंज प्रखंड के खैरा गढिया के किसान का बेटा अधिवक्ता मो. जब्बार ने शहर में अपनी पहचान बनाई। उन्होंने संविधान में मिले मिले अभिव्यक्ति के अधिकार के बल पर मजबूती से अपनी बात रखते हैं। वह पिछले 25 साल से सिविल कोर्ट अररिया में वकालत की पेशा से जुड़े हैं। लोगों की दर्द और पीड़ा को बखूबी समझते हैं और उनकी आवाज बन कर न्याय दिलाने को प्रयासरत हैं। आर्थिक तंगी के शिकार पीड़ित लोगों का केस मुफ्त में लड़ते हैं और उन्हें न्याय भी दिलाने में अहम भूमिका निभाते हैं।
15 सौ मामलों का कराया डिस्पोजल :

अधिवक्ता मो. जब्बार ने बताया कि वकालत के दौरान 15 सौ से अधिक विवादों को निष्पादन कराया। आज भी वह सैकड़ों लोगों की पीड़ा अदालत में मजबूती से रखते हैं। संविधान में हमें जो अधिकार मिला है उसके बल पर पीड़ितों को न्याय दिलाने का हर संभव कोशिश करते हैं।
कठिनाइयों में भी नहीं मानी हार :
अधिवक्ता ने बताया कि पिता मनीर उद्दीन किसान हैं। दरभंगा ला कालेज से एलएलबी की पढ़ाई पूरी करने के बाद शहर में आ गए। भाड़े की मकान में रहकर सिविल कोर्ट अररिया में वकालत करने लगे। शुरुआती दौर में काफी कठिनाइयों को सामना करना पड़ा। अपना खर्च भी चलाना मुश्किल हो गया था। बावजूद हार नहीं मानी। निरंतर मेहनत करते रहे। उनके सीनियर स्व. वरीय अधिवक्ता मो. जैनुद्दीन ने उनकी प्रतिभा का पहचाना और हर संभव मदद की।उनसे बहुत कुछ सिखने को मिला। उनका अहसान जीवन भर नहीं भूला सकते हैं। धीरे धीरे अपने मेहनत और लोगों की विश्वास ने अपनी पहचान बनाई।
अधिवक्ता ने बताया कि आर्थिक रूप से कमजोर पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद करते हैं। ऐसे सैकड़ों लोगों को न्याय दिलाया है। आगे भी उनका प्रयास जारी रहेगा।

अन्य समाचार