घर-घर पुस्तक व पुस्तकालय अभियान की जरूरत: डा. सुधांशु

संवाद सूत्र, सिंहेश्वर (मधेपुरा) : अच्छी पुस्तकें मनुष्य की सबसे सच्ची दोस्त होती हैं। वे हमें जीवन जीने का सही रास्ता दिखाती हैं और कभी भी अपने कर्तव्यपथ से भटकने नहीं देती हैं। प्राय: सभी महापुरुषों के जीवन-निर्माण में किसी न किसी पुस्तक की भूमिका रही है। उक्त बातें उप कुलसचिव अकादमिक डा. सुधांशु शेखर ने कही। वे शुक्रवार को केंद्रीय पुस्तकालय में पुस्तकालय विज्ञान के जनक एसआर रंगनाथन के जन्मदिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि मानव सभ्यता के विकास में पुस्तकों का अहम योगदान है। आज कम्प्यूटर व गूगल के जमाने में भी पुस्तकों महत्व बरकरार है और आगे भी रहेगा। उन्होंने कहा कि समाज व राष्ट्र का विकास पुस्तकों के बगैर नहीं हो सकता है। देश के सर्वांगीण विकास के लिए सभी नागरिकों और खासकर युवाओं में अच्छी पुस्तकों के प्रति प्रेम जगना होगा। इसलिए आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में घर-घर पुस्तक व पुस्तकालय अभियान चलाने की जरूरत है। केंद्रीय पुस्तकालय के पृथ्वीराज यदुवंशी ने कहा कि बिहार में पुस्तकालय विज्ञान के साथ उपेक्षापूर्ण व्यवहार हो रहा है। सभी विद्यालयों, महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों में लाइब्रेरियन के हजारों पद खाली हैं। इसके बावजूद लाइब्रेरियन की बहाली नहीं होना चिताजनक है। आल बिहार ट्रेंड लाइब्रेरियन एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष राहुल कुमार यादव ने कहा कि विश्वविद्यालय में पुस्तकालय विज्ञान में स्नातक व स्नातकोत्तर का पाठ्यक्रम सफलतापूर्वक संचालित हो रहा है। आगे पुस्तकालय विज्ञान में पीएच. डी. की पढ़ाई शुरू करने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि एसोसिएशन द्वारा लगातार राज्य में पुस्तकालय विज्ञान की स्थिति में सुधार के लिए प्रयास किया जा रहा है। इसी कड़ी में पुस्तकालय विज्ञान के जनक एसआर रंगनाथन के जन्मदिवस पर पूरे प्रदेश में कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। आगे भी कई कार्यक्रमों की योजना बन रही है। इस अवसर पर उपाध्यक्ष मनीष कुमार, कोषाध्यक्ष सुभाष कुमार, सहायक राजेश कुमार, देवाशीष कुमार, राजीव कुमार आदि उपस्थित थे।

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