वर्षा नहीं होने से टूट रही किसानों की उम्मीद, पटवन कर धान की फसल को बचाने की चुनौती



जागरण संवाददाता, मधेपुरा: मौसम की बेरुखी से किसानों के सपने अब टूटने लगे है। वर्षा नहीं होने की स्थिति में पटवन के सहारे किसान किसी तरह फसल को बचाने की जुगत में लगे हुए हैं, लेकिन किसानों की इस मेहनत पर भी पानी फिरता नजर आ रहा है।
किसानों का कहना है कि धान की फसल को पर्याप्त पानी चाहिए धान के पौधे पानी में डूबे रहना चाहिए, लेकिन ऐसा हो नहीं पा रहा है। तेज धूप कारण पंप सेट सहारे पटवन करने के बाद भी खेतों में पानी टिक नहीं पा रहा है। कृषि विशेषज्ञों की माने तो वर्षा नहीं होने पर धान के पौधों को बचाए रखना मुश्किल होगा।
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किसानों की मुख्य आजीविका है धान किसान पटवन कर किसी तरह फसल को बचाने की जुगत में है, लेकिन किसानों के लिए पटवन कर धान की फसल को बचाए रखना किसी चुनौति से कम नहीं है। मौसम की बेरुखी देख किसानों चिता बढ़ती जा रही है। पटवन के साथ साथ किसान यूरिया और बीज पर काफी अधिक रकम खर्च कर चुके हैं। मालूम हो कि कोसी के इस इलाके में किसानों की मुख्य आजीविका धान की फसल पर ही निर्भर करती है। लेकिन वर्षा नहीं होने से किसानों की उम्मीद पर पानी फिरता हुआ नजर आ रहा है। डीजल अनुदान का किसानों को सहारा पटवन के लिए जिले में किसानों को डीजल अनुदान दिया जा रहा है। धान की फसल पर तीन पटवन पर प्रति लीटर 75 रुपये का अनुदान दिया जा रहा है। डीजल अनुदान को लेकर अभी तक जिले भर से 4654 किसानों ने आवेदन किया है। इसमें से 2387 किसानों के खाते में 48 लाख 804 रुपये का भुगतान किया गया है। वहीं कृषि समन्वयक के स्तर से किसानों के आवेदन की जांच कर 2599 किसानों के आवेदन को स्वीकृत किया गया है। जबकि कृषि समन्वयक 778 किसानों के आवेदन को रद्द कर दिया है। कोट वर्षा नहीं होना चिता का विषय है। किसानों को धान की फसल पटवन के डीजल अनुदान दिया जा रहा है। आनलाइन आवेदन करने वाले किसानों के खाते में राशि का भुगतान भी शुरू कर दिया गया है। वर्षा नहीं होने की स्थिति में पैदावार प्रभावित होने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता। -राजन बालन, जिला कृषि पदाधिकारी, मधेपुरा

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