क्षेत्र में पूरी श्रद्धा व निष्ठा के साथ भक्तों ने किया मां विषहरी पूजा

संस, डगरुआ (पूर्णिया)। प्रखंड अंतर्गत दो दिवसीय बिषहरी पूजा श्रद्धा भक्ति के साथ मनाया गया। प्रतिमा विसर्जन कर पूजा सम्पन्न हुआ। ज्ञात हो कि मां बिषहरी पूजा को लेकर श्रद्धालू भक्त मंगलवार को अरवा अन्न ग्रहण किए। बुधवार उपवास रह संध्या प्रतिमा स्थल पर मंजूषा, डाला में फल, फूल, मिठाई, दूध और धान का लावा लेकर पहुंचे। दूध, लावा चढ़ाकर पूजा अर्चना किया। वहीं भक्त द्वारा मंदिर परिसर में मां बिषहरी का मंत्र द्वारा हाथ उठाने की परंपरा की गई। इस क्रम में कई भक्त के शरीर में देवता का प्रवेश होने पर श्रद्धालु को यश दिया गया। यहीं परंपरा गुरुवार सुबह से संध्या तक की गई। जिन श्रद्धालु की मनोकामना पूर्ण होती है वह अगले वर्ष मिठाई और चढ़ावा करते है कई स्थानों पर आज भी बलि दी जाती है। बिषहरी पूजा प्रखंड के हरखेली, बुआरी, कौढेली, कन्हरिया, कैटारे, सौरा, बसदाहा, चंपाबरेली, सहित दर्जनों गांव में की गई। कई स्थानों में रात्रि सती बिहोला नाच का आयोजन किया गया। जिसका ग्रामीणों ने लुफ्त उठाया। वहीं गुरुवार को संध्या प्रतिमा विसर्जन कर पूजा सम्पन्न किया गया । वैसा प्रखंड क्षेत्र में विषहरी मंदिर में मां विषहरी की प्रतिमा का पट खुलते ही पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। इस क्रम में श्रद्धालुओं ने देर शाम तक लोगों ने मंदिरों में डलिया चढ़ाकर पूजा-अर्चना की और माता मनसा से मन्नतें मांगीं। क्षेत्र के मनसा मंदिर से रात को बाला लखेंद्र की बारात गाजे-बाजे के साथ धूमधाम से निकाली गई। इस क्रम में पंडित द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ बाला लखेंद्र का विवाह बिहुला के साथ कराया गया। पूर्णिया पूर्व प्रखंड क्षेत्र रजीगंज एवं पैकागोला स्थित मां विषहरी मंदिर में जुटने लगे थे। इस अवसर पर रजीगंज गांव के साधक ज्योतिष साह ने बताया कि वहां के विषहरी की पूजा के दिन अनेक कार्यक्रम का आयोजन होता है। रजीगंज मंदिर में पूजा को सफल बनाने में मुख्य रूप से कैलाश साह, मंटू चौधरी, अशोक मंडल, योगेंद्र प्रसाद साह, पवन मंडल, दिलीप मंडल, पप्पू साह, विश्वनाथ चौधरी, छोटू कुमार, अंकित कुमार, नीरज यादव, हेमंत कुमार आदि सक्रिय थे।


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