Bihar Urea Smuggling: बिहार की यूरिया से नेपाल के खेतों में फैल रही हरियाली, 1 बोरी का 2500 तक मिल रहा दाम



सुपौल, भरत कुमार झा: खुली सीमा का लाभ उठाकर तस्कर बिहार से नेपाल में खाद की तस्करी कर रहे हैं। पिछले एक महीने में केवल सुपौल जिले में खाद तस्करी के 10 मामले दर्ज हो चुके हैं। अररिया जिले में भी पिछले तीन महीने में एक दर्जन से अधिक मामले दर्ज किए जा चुके हैं। बिहार में यूरिया के लिए हाहाकार है और सीमा पार नेपाल में बिहार की यूरिया सेखेतों में हरियाली छाई है।

वहीं, खाद तस्करी पर बिहार की राजनीति भी गर्म है। पिछले दिनों मुंगेर में केंद्रीय कृषि राज्‍य मंत्री ने बिहार से खाद की तस्करी की जांच कराने तक की बात कह दी थी। कहा था कि बिहार को मांग से अधिक खाद आवंटित हो रही। इसपर पलटवार करते हुए जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने केंद्र सरकार पर मांग से कम खाद आवंटन का आरोप लगाया था।
अनुदानित दर पर 265 रुपये में एक बोरी यूरिया मिलती है। ब्लैक मार्केट में 400 से 500 रुपये में एक बोरी आसानी से उपलब्ध है। नेपाल में यूरिया पर अनुदान नहीं है। इस कारण वहां 1500 से 2500 रुपये तक में यह बिकती है। सीमावर्ती क्षेत्र के तस्कर अररिया, किशनगंज, सुपौल एवं मधेपुरा से खाद मंगाकर नेपाल भेज रहे हैं। रबी के सीजन के कारण किसानों को यूरिया की जरूरत है। गेहूं की पहली सिंचाई हो चुकी है। फसल में यूरिया के छिड़काव की आवश्यकता है।
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कड़ाके की ठंड में भी पौ फटने से पूर्व ही किसान खाद की दुकान अथवा विस्कोमान के सामने लाइन में खड़े हो जाते हैं, लेकिन शाम में अधिकतर खाली हाथ घर लौटते हैं। अक्सर सीमा पार कराई जा रही यूरिया की खेप पकड़ी जा रही। साइकल पर भी तस्करी की जा रही है।
शनिवार को एसएसबी ने 60 बोरी यूरिया के साथ दो लोगों को व रविवार को 12 बोरी खाद के साथ एक को गिरफ्तार किया। सुपौल में रबी मौसम के लिए 44 हजार मीट्रिक टन यूरिया की मांग के विरुद्ध्र अब तक 35,717 मीट्रिक टन का आवंटन मिल चुका। जिले में उर्वरक कंट्रोल रूम बनाया गया है। किसानों की शिकायत पर कार्रवाई भी होती है। बावजूद, किसानों को ऊंची कीमत पर खाद मिल रही है।

किसान अजय मेहता, पांडव यादव, योगेंद्र यादव, रामी यादव, गुडलक मंडल, कार्तिक मेहता, गणेश यादव आदि बताते हैं कि बाजार में 265 की यूरिया के लिए 350 से 500 रुपये तक लिए जा रहे हैं। लाइन में खड़े होने पर कठिनाई से खाद मिलती है।

किसानों को परेशानी नहीं हो, इसके लिए विभाग गंभीर है। शिकायत मिलने पर कई दुकानों पर कार्रवाई भी की गई है। पूरी तरह से खाद तस्करी रोकने के लिए महीने में दो बार एसएसबी व कृषि विभाग की समन्वय बैठक की जाती है। - अजीत कुमार यादव, जिला कृषि पदाधिकारी, सुपौल

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