Bihar: पतियों ने आवास योजना की राशि अन्‍य कामों में कर दी खर्च, अब पत्नियों पर हुई FIR; जाना पड़ सकता है जेल



औरंगाबाद, जागरण संवादाता: सरकार ने गरीबों को आवास बनाने के लिए पैसे दिए, लेकिन लाभुकों ने आवास न बनाकर राशि को दूसरे मद में खर्च कर दिया। अब ऐसे लाभुकों पर थाने में प्राथमिकी की कार्रवाई हो रही है। इसमें कई लाभुक महिलाएं हैं। पति के द्वारा पत्नी के नाम आवास का रुपये लिया पर आवास न बनाकर राशि को दूसरे मद में खर्च कर दिया। अब पति के द्वारा खर्च किए गए पैसे का खामियाजा पत्नियों को भुगतना पड़ेगा। नियम के अनुसार यहां तक कि जेल की सजा भी भुगतनी पड़ सकती है।

मामला देव प्रखंड का है। इस प्रखंड में करीब आठ ऐसे लाभुक है, जिन्हें आवास बनाने के लिए वित्तीय वर्ष 2016-17 और 2017-18 में 55 हजार और कुछ लाभुकों को 45 हजार रुपये दिए गए थे। लाभुकों ने इन रुपयों से आवास न बनाकर राशन और जानवर खरीद लिये तो कहीं अन्य मद में पैसे को खर्च कर दिया। ऐसे आठ लाभुकों की पहचान करते हुए उनके खिलाफ प्राथमिकी की कार्रवाई की गई है।
बीडीओ कुंदन कुमार ने अनुसार प्रखंड के पूर्वी केताकी पंचायत के विश्रामपुर गांव निवासी बुच्ची भुइयां पति मेघु भुइयां, चौरसिया नगर के चंदन कुमार पिता रामजनम प्रसाद चौरसिया, बेढ़ना पंचायत के भदौखर गांव निवासी मंजू देवी पति शिवनाथ पासवान, करमडीह गांव निवासी कृष्णा राम पिता बालकेश्वर राम, बेढ़नी पंचायत के इगुनिया टाड़ निवासी रिंकी देवी पति लखन भुइयां, पवई पंचायत के पवई गांव निवासी सरोज देवी पति रामबली राम और ललीता देवी पति चंदेश्वर राम ने आवास का पैसा लेकर मकान नहीं बनाया है। अब इन सभी के खिलाफ देव और पवई के लाभुकों के खिलाफ मुफस्सिल थाना में प्राथमिकी कराई गई है।
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प्राथमिकी के बाद अब लाभुकों को जेल जाना पड़ सकता है। साथ ही कोर्ट की दौड़ अलग लगानी होगी। बताया गया कि सभी के खिलाफ सरकारी राशि गबन की धाराओं के तहत प्राथमिकी कराई गई है जो गैर-जमानती है। बीडीओ ने बताया कि प्रखंड में करीब 150 लाभुकों ने पैसे लेकर आवास नहीं बनाया है।
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