'सपनों का सौदागर है आम बजट'- ललन सिंह, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष बोले- महंगाई और बेरोजगारी पर चर्चा तक नहीं



जागरण संवाददाता, मुंगेर। मुंगेर सांसद सह जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से पेश किए गए आम बजट 2023-24 को निराशाजनक बताया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2023-24 के आम बजट में कुछ नहीं है। यह सपनों का सौदागार वाला बजट है।
सांसद सिंह ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि लोग सोते वक्त सपना देखते हैं और नींद से उठते हैं तो कुछ भी सच नहीं होता है। इसी तरह से यह एनडीए का बजट है। आयकर स्लैब में कोई नई बात नहीं है, इससे ग्रुप-सी विभाग में कार्यरत लोगों को फायदा नहीं पहुंचेगा। तीन लाख के दायरे का लाभ ग्रुप-डी वालों को पहले से मिल रहा था। कुल मिलाकर देश की जनता को सब्जबाग दिखाया गया है।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा, महंगाई और बेरोजगारी को कैसे नियंत्रित किया जाए, इस बारे में कुछ भी नहीं बताया गया। उन्होंने कहा कि आम लोगों को लाभ पहुंचाने के बजाय कल्याणकारी योजनाओं और सब्सिडी को खत्म करने का काम किया गया है।
उन्होंने कहा कि जो लोग गरीबी के स्तर से ऊपर उठ गए थे, वे फिर से गरीबी के स्तर से नीचे आ गए हैं। कुछ बुनियादी सवालों का जवाब बजट में नहीं है। गरीबी, बेरोजगारी-महंगाई बढ़ रही है, इसे ध्यान में रखकर बजट पेश किया जाना चाहिए था।
Munger: रेलवे क्रॉसिंग पार करते समय ट्रैक पर फंस गईं स्कॉर्पियो, आननफानन में रोकी गई ट्रेनें, बाल-बाल बचा चालक यह भी पढ़ें
केंद्रीय बजट पर स्थानीय लोगों ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। लोगों का कहना है कि इस बजट में किसानों को कोई खास लाभ नहीं दिया गया है। किसानों की आय दोगुनी करने का वादा पूरा होता नहीं दिख रहा है। 
बजट में किसानों को ज्यादा लाभ नहीं मिल पाया। कृषि में स्टार्टअप से व्यापारियों को लाभ मिलेगा, इससे किसानों को कुछ नहीं मिलेगा। मोटे अनाज को बढ़ावा देने से किसानों को लाभ मिलेगा। सरकार को खाद बीज के दाम कम करना चाहिए। किसानों को बजट से फायदा नहीं मिलेगा। -दीपनारायण प्रसाद यादव
Munger: आरटीपीएस कक्ष जाने को कहा तो भड़क उठा सिरफिरा युवक, खड़गपुर बीडीओ को पीटा; आरोपी गिरफ्तार यह भी पढ़ें
इस बजट में गांव और गरीबों के लिए एक धूमिल प्रयास किया गया है। किसानों की आय दोगुना करने के लिए बजट में कोई रोड मैप स्पष्ट नहीं है। रासायनिक खाद की आपूर्ति के लिए कोई दिशा-निर्देश नहीं हैं। आयकर में छूट से उच्च वर्ग लाभान्वित होगा। किसानों की कर्ज मुक्ति और एमएसपी पर सम्यक विचार नहीं किया गया है। -चंदर सिंह राकेश
प्राकृतिक खेती करने के लिए पहले किसानों को जागरूक करने की आवश्यकता है। इसके बाद विशेष ट्रेनिंग के माध्यम से किसानों को तैयार करना होगा, तभी प्राकृतिक खेती सफल होगी। मिला-जुलाकर किसानों को इस बजट में भी निराशा ही हाथ लगी। इस बजट से किसानों को कोई राहत नहीं मिली है। -चंदन राय

किसानों के लिए कुछ नहीं किया गया है। आज किसानों की स्थिति मजदूरों से भी बदतर है। मजदूर 12 हजार रुपये महीना कमा रहा है, लेकिन किसानों को मजदूरों से भी कम आमदनी हो रही है। सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने की बात कही थी, वह हवा-हवाई रह गई है। प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना दोगुना करनी चाहिए। -रामनिवास सिंह

अन्य समाचार