Mukhiya Murder Case: मुख्य आरोपी महफूज अंसारी ने कोर्ट में किया सरेंडर, हार की बौखलाहट में की थी हत्या



जागरण संवाददाता, बेगूसराय : सदर प्रखंड के परना मुखिया वीरेंद्र शर्मा हत्याकांड के मुख्य आरोपी पूर्व मुखिया महफूज अंसारी ने न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया है। हत्या के बाद मुखिया के स्वजनों द्वारा नामजद आरोपी बनाए जाने के बाद पुलिस ने पूर्व मुखिया के बेटे को गिरफ्तार कर हत्या के कारणों और साजिश का राजफाश किया था।
हालांकि पांच दिन तक हत्या का ताना-बाना बुनने वाले पूर्व मुखिया को गिरफ्तार नहीं कर सकी थी। हालांकि एसपी योगेंद्र कुमार ने प्रेस बयान जारी कर आत्मसमर्पण को पुलिस दबिश और कुर्की के भय का नतीजा बताया है। पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए न्यायालय से वारंट व कुर्की के लिए आवेदन कर चुकी थी।


बता दें कि दो फरवरी को परना स्थित घर से प्रखंड कार्यालय जाने के क्रम में मुफस्सिल थाना क्षेत्र के तरैया ढाला स्थित सोना चिमनी के समीप दो बाइक पर सवार चार बदमाशों ने मुखिया वीरेंद्र शर्मा को गोलियों से छलनी कर दिया था। उन्हें आधा दर्जन गोलियां लगी थी। हत्या के बाद स्वजनों ने बिना किसी लाग-लपेट के परना निवासी पूर्व मुखिया महफूज अंसारी को मुख्य साजिशकर्ता बताते हुए उसके बेटे समेत अन्य बदमाशों को नामजद किया था।
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घटना से आक्रोशित स्वजनों, समर्थकों व मुखिया संघ से जुड़े लोगों ने चार घंटे तक शव को एनएच-31 पर रखकर सड़क जाम कर दिया था। सदर डीएसपी अमित कुमार और उनकी टीम ने आरोपी मुखिया पुत्र मो. फरहान को ट्रैफिक चौक के समीप से धर दबोचा।
आरोपी की मोबाइल जांच और पूछताछ के बाद सारे राज खुलने लगे। मुखिया द्वारा साजिश रचने और हथियार उपलब्ध कराने के बाद वारदात के दो दिन पहले कोलकाता भागने की जानकारी मिली। वहीं मोबाइल लोकेशन और कॉल डिटेल के आधार पर अंजुम उर्फ फैज अहमद खान और माे. इश्तियाक को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
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मुखिया वीरेंद्र शर्मा हत्याकांड का साजिशकर्ता परना पंचायत का पूर्व मुखिया आपराधिक प्रवृति का रहा है। इसके खिलाफ पश्चिम बंगाल तक मामले दर्ज हैं। एसपी ने बताया कि वह मुखिया हत्याकांड के अलावा, नीमाचंदपुर थाना और पश्चिम बंगाल में भी आरोपी रहा है। मुखिया रहने के कारण कई मामलों में उसने पहुंच और पैरवी के बल पर पुलिस से बचता रहा था।
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सदर प्रखंड की परना पंचायत में बहुसंख्यक आबादी निर्णायक रही है, बावजूद इसके लगातार दो चुनाव में हार से महफूज अंसारी बौखलाया था। उसने वीरेंद्र शर्मा को जान से मारने की चेतावनी भी दी थी लेकिन पंचायत चुनाव के ठीक बाद हत्या की जगह उसने चुनाव के एक साल बाद का मौका चुना। 2016 के पंचायत चुनाव में निवर्तमान मुखिया महफूज अंसारी को 29 मत और 2021 के चुनाव में 16 मत से पराजय का मुंह देखना पड़ा था।


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