नीतीश ने गंवाया प्रधानमंत्री बनने का मौका, जदयू के बाद बिहार को गिरवी रखने की हो रही कोशिश: उपेंद्र कुशवाहा




जागरण संवाददाता, मधुबनी: राष्ट्रीय लोक जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री बनने का अवसर खो दिया है। नीतीश कुमार ने जदयू को राजद के हाथों गिरवी रख दिया है। सरकार के सभी निर्णय राजद ले रही है। बिहार को गिरवी रखने की कोशिश हो रही है। बिहार को गिरवी रखे जाने से बचाने के लिए ही उन्होंने नई पार्टी का गठन किया है।
विरासत बचाओ, नमन यात्रा पर उपेंद्र कुशवाहा मधुबनी पहुंचे। यहां उन्होंने महागठबंधन सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में बिहार को बचाने वाले पार्टी के साथ गठबंधन करेंगे। जदयू धीरे-धीरे समाप्ति की ओर बढ़ गया है। जदयू को राष्ट्रीय पार्टी बनाने की कोशिश को बड़ा धक्का लगा है। जदयू के कई नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ बोलने लगे है।

पत्रकारों से बातचीत में उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि बिहार के सामने एक विशेष परिस्थिति आ गई है। राज्य की राजनीति में मजबूत हस्तक्षेप की जरूरत है। राज्य को फिर से साल 2005 से पहले वाली स्थिति में लाकर खड़ा किए जाने की कोशिश की जा रही है। साल 2005 से पहले सूरज ढलते ही लोग घर से बाहर निकलने से बचते थे। मार-काट, लूट और दुष्कर्म आम दिन की घटनाएं हो गई थीं। लोगों का जीना मुहाल हो गया था। राज्य में हर तरफ बर्बादी का मंजर दिखाई देता था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार फिर से उसी रास्ते पर राज्य को ले जाना चाहते हैं। राज्य को जंगलराज बनाना चाहते हैं।
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उन्होंने कहा कि सिर्फ सरकारी नौकरी देने से राज्य में बेरोजगारी की समस्या दूर नहीं होगी। बेरोजगारी दूर करने के लिए कृषि और कृषि आधारित उद्योग को बढ़ावा देना होगा। शिक्षकों के लाखों पद खाली है। बहाली नहीं हो रही है। लोगों को ठगने के लिए दस लाख सरकारी नौकरी का झांसा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में गैर संवैधानिक तरीके से बिहार के लोगों पर हमला की घटना पर नीतीश सरकार चुप है।

सरकार को तुरंत एक मंत्री और वरीय अधिकारियों को तमिलनाडु भेजना चाहिए। तमिलनाडु की घटना पर नीतीश सरकार को बिना आनाकानी के केंद्र सरकार से बात करना चाहिए। मौके पर पूर्व विधायक रणविजय सिंह, माधव आनंद, रामपुकार सिन्हा, मनोज यादव, महेंद्र प्रसाद सिंह, डा. संतोष कुशवाहा, रंजीत कामत समेत कई अन्य नेता मौजूद थे। कुशवाह मधुबनी से फारबिसगंज के लिए रवाना हो गए।


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