अचानक मौसम में आए बदलाव ने बढ़ा दी किसानों की चिंता, आम-लीची के पेड़ों में लगा कीड़ा; सूखने लगा मंजर



संवाद सहयोगी, छौड़ाही (बेगूसराय): आम और लीची के पेड़ों पर आए बौर को देखकर यहां किसान खासा उत्साहित हैं। अगर आंधी-तूफान न आए और 50 प्रतिशत भी मंजर सुरक्षित रहा तो इस बार आम और लीची की अच्छी पैदावार होने की संभावना है। बस जरूरत है, इसे सही देखभाल कर बचाने की।
किसानों को कृषि विभाग की ओर से सही जानकारी नहीं मिल पा रही है। इससे किसान काफी परेशान दिख रहे हैं। आम के मंजरों से भरा बगीचा देखकर किसान उत्साहित थे। अचानक मौसम में आए बदलाव एवं बढ़ते तापमान से आम लीची फसल को क्षति पहुंचने की आशंका से परेशान किसानों की चिंता बढ़ने लगी है। अचानक अत्यधिक गर्मी होने की वजह से मंजर सूखने और काले पड़ने लगे हैं।

कृषि वैज्ञानिक डॉ. रामकृपाल सिंह के अनुसार, इस वर्ष आम के पेड़ में लगने वाले मधुवा रोग का ज्यादा प्रभाव रहेगा। मधुवा रोग छोटा स्लेटी और गहरे रंग का फुदकने वाला कीट से होता है। यह छोटे और वयस्क दोनों ही आम के मंजरों नई शाखाओं और पत्तियों का रस पी जाता है। इसके कारण मंजर सूख जाता है। फल भी सूख कर गिर जाते हैं। यह कीट एक चिपकने वाला मधु जैसा पदार्थ पैदा करता है। इससे पत्तियों पर काली फफूंद जम जाती है और पूरा पत्ता काला हो जाता है।
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कृषि विज्ञानी के अनुसार, कीट से बचने के लिए कीटनाशक का छिड़काव अप्रैल से मई माह तक तीन बार किया जाना चाहिए। छिड़काव के लिए लेंबडा साई एलोथ्रीन एक एमएल प्रति लीटर या रोगर दो एमएल प्रति लीटर की दर से प्रति व्यस्क पेड़ की दर से 25 लीटर घोल बनाकर उससे मंजर, पेड़ की टहनी, डंठल और पत्ते पर भी इतना छिड़काव करें। छिड़काव ऐसे करें कि पूरा पेड़ भींग जाए।
अनुराग कुमार और ब्रजनंदन आदि किसान बताते हैं कि अन्य वर्षों की अपेक्षा इस वर्ष मंजर अधिक आया है, लेकिन बढ़ते तापमान की वजह से आम मंजर सूखने एवं काले पड़ने लगे है। यह नुकसानदायक साबित हो सकता है। वहीं पवन कुमार कहते हैं कि विज्ञानी की सलाह से आम बगीचे की निगरानी की गई है। इस वर्ष आम में अत्यधिक मंजर भी आया। अब बढ़ते तापमान की वजह से आम मंजर सूखने एवं काला पड़ने लगा है।
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किसान सलाहकार अनीश कुमार बताते हैं कि गर्मी का प्रकोप ज्यादा रहा तो आम के नए मंजर में फूलों की संख्या कम लगेगी और पराग की प्रक्रिया प्रभावित होगी। इससे उत्पादन कम होने की संभावना बनी रहती है। आम में मंजर आने से पूर्व बगीचे की सिंचाई की गई होगी, उन बगीचों में लगे आम के मंजर को गर्मी में भी राहत मिलेगी, लेकिन मंजर आने के बाद बगीचे की सिंचाई करना आम फसल के लिए घातक साबित हो सकता है।


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