Vaishali: 12 साल की भतीजी से किया था दुष्कर्म और उसी से कर ली शादी, फिर भी कसा कानून का शिकंजा; 20 वर्ष की कैद



जागरण संवाददाता, हाजीपुर: नाबालिग भतीजी के साथ दुष्कर्म के सात साल पुराने मामले में POCSO विशेष न्यायाधीश सह अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश षष्ठम जीवन लाल ने पीड़िता के चाचा को 20 वर्ष का कठोर कारावास तथा 50 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। इस मामले में विशेष लोक अभियोजक ने 12 गवाहों का सवाल-जवाब किया और कोर्ट में सात सबूत प्रस्तुत किए थे। हालांकि, घटना के तीन साल बाद ही केस विचाराधीन होते हुए भी पीड़िता की शादी उसके आरोपित चाचा से करा दी गई थी।

घटना के संबंध में जानकारी देते हुए विशेष लोक अभियोजक मनोज कुमार शर्मा ने बताया कि 14 जुलाई 2016 की रात्रि में जंदाहा थाना क्षेत्र में 12 वर्षीय किशोरी घर के बाहर शौच करने गई थी। शौच करने के बाद जब वह घर लौट रही थी, तभी उसके चाचा मो. राजू ने उसे पकड़ लिया और उसके साथ दुष्कर्म कर उसे विक्षिप्तता की स्थिति में छोड़कर फरार हो गया। पीड़िता ने किसी तरह घर आकर अपनी मां को सारी आपबीती बताई। उसकी मां ने इस घटना की जानकारी कोलकाता में रह रहे उसके पिता को दी। पीड़िता को इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया और वहां से उसे पीएमसीएच रेफर कर दिया गया था।

उसके पिता के कोलकाता से घर आने पर घटना को लेकर उसकी मां ने प्राथमिकी दर्ज कराई। आरोपित को जंदाहा पुलिस ने कांड संख्या 293/18 में गिरफ्तार किया। पुलिस ने मो. राजू के विरुद्ध न्यायालय में 22 सितंबर 2019 को आरोप पत्र दाखिल किया और 6 दिसंबर 2019 को आरोप तय किए गए।
विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि जुलाई 2019 में पीड़िता की शादी उसके आरोपित चाचा से ही करा दी गई थी और इस कारण पीड़िता सहित चार गवाह अपने बयान से मुकर गए थे। इसके बावजूद न्यायालय ने पूर्व में दिए गए पीड़िता तथा आरोपित के बयान के अलावा चिकित्सीय प्रमाण और अन्य सबूतों के आधार पर मो. राजू को नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म के लिए 22 फरवरी 2023 को दोषी करार दिया।

इस मामले में आरोपित को बुधवार, 15 मार्च 2023 को भारतीय दंड विधान (IPC) की धारा 376 के तहत 7 वर्ष का कठोर कारावास तथा 10 हजार रुपये अर्थदंड, POCSO एक्ट की धारा 4 के तहत 7 वर्ष का कठोर कारावास तथा 10 हजार रुपये अर्थदंड, धारा 6 के तहत 20 वर्ष का कठोर कारावास तथा 20 हजार रुपये अर्थदंड, धारा 8 के तहत 3 वर्ष का कठोर कारावास तथा 5 हजार रुपये अर्थदंड तथा धारा 10 के तहत 5 वर्ष का कठोर कारावास तथा 5 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई। उक्त सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। कोर्ट ने अर्थदंड की राशि तथा प्रतिकर से चार लाख रुपये पीड़िता को भुगतान करने का आदेश भी सुनाया है।

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