Bihar: रेल पुलिस के जवान ही लूट रहे यात्रियों की अटैची, गिरोह को पैसे एवं जेवरात से भरे बैग लूटने का चस्का



संवाद सूत्र, झाझा (जमुई): रेल यात्रियों की सुरक्षा में लगी रेल पुलिस ही यात्रियों की अटैची और अन्य सामान पर हाथ साफ कर रही है। जसीडीह-लखीसराय रेलखंड पर एक नहीं, ऐसी कई घटनाएं हुई हैं, जिनमें रेल पुलिस दोषी पाई गई है। मधुपुर-आनंद विहार (हमसफर) एक्सप्रेस में हुई लूट की हालिया घटना में पकड़ाए जीआरपी के चारों जवान इसका ताजा उदाहरण हैं। पकड़ाए जवानों ने रेल पुलिस के अधिकारी के समक्ष कई खुलासे किए।

जवानों ने बताया कि इस घटना के पहले भी उन्होंने तीन अन्य बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया था। एक बार पूर्व में भी एक करोड़ रुपये से भरी अटैची जवानों के हाथ लगी थी। अटैची व ट्रॉली बैग में पैसे होने की पुख्ता जानकारी के लिए लखीसराय के तीन अपराधियों को लगाया जाता था। अपराधियों द्वारा पुष्टि करने के बाद जवान अटैची उतारने का काम करते थे।
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हालांकि, इस मामले में रेल पुलिस के अधिकारी कुछ भी बताने से कतरा रहे हैं। इस लूटकांड में चार जवानों के अलावा चार अन्य अपराधी शामिल हैं। इनमें एक महिला भी है। ये सभी गिरोह बनाकर पैसा ठगी एवं लूटने का कार्य करते हैं। मामले में किऊल थाना के दीपक कुमार व मु. एजाज हुसैन, बड़हिया थाना के पिंटू कुमार, झाझा थाना के चंदन कुमार के अलावा लखीसराय के लाली पहाड़ी के सुकुल साव एवं मुकेश ठाकुर, धर्मराम चौक के तनिक वर्मा के अलावा एक सारा मैडम को आरोपित बनाया गया है।
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रेल थानाध्यक्ष अनिल कुमार के अनुसार पकड़े गए जवानों के पास से 20 हजार रुपये बरामद किए गए हैं। सीसीटीवी कैमरे से जानकारी मिली है कि लूट के बाद चारों जवान अपने दो सहयोगियों के साथ ई-रिक्शा से बरमसिया गांव पहुंचे थे। रेल पुलिस ने बताया कि घटना की सूचना पर सीसीटीवी कैमरा खंगालने के बाद जिस ई-रिक्शा पर ये सभी चढ़े, उसके चालक से पूछताछ की गई। चालक ने बताया कि छह व्यक्ति ट्रॉली बैग के साथ बरमसिया चौक पर उतरे और 200 रुपये भाड़ा दिया। बरमसिया चौक से जवानों ने एक प्राइवेट गाड़ी की खोज की। गाड़ी नहीं मिलने पर सभी जवान बाजार की ओर चले गए।
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हमसफर एक्सप्रेस से लूटा गया एक करोड़ रुपये से भरा ट्रॉली बैग लेकर लखीसराय का मुकेश ठाकुर फरार हो गया है। वह पुलिस के पहुंचने से पहले ही झाझा से प्राइवेट गाड़ी के माध्यम से भागने में सफल रहा। रेल पुलिस उसकी तलाश कर रही है। मुकेश ठाकुर को पकड़ने एवं ट्रॉली बैग को बरामद करने के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है। बताया जाता है कि जब पुलिस लखीसराय के सुकुल साव के घर छापेमारी कर रही थी तो उस दौरान मुकेश ठाकुर अपने घर में था। पुलिस के आने की भनक लगते ही वह फरार हो गया।

गिरोह में तीन रेल थाने के जवान शामिल हैं। इस गिरोह का नेतृत्व किऊल रेल पुलिस का जवान करता है। उक्त बातों का खुलासा पकड़े गए रेल पुलिस के जवानों ने किया है। किऊल रेल थाना के दीपक कुमार एवं एजाज हुसैन, बड़हिया थाना के पिंटु कुमार एवं झाझा के चंदन कुमार ने बताया कि उन लोगों ने इसके पहले तीन बार अटैची लूटने का काम किया है। एक बार किऊल स्टेशन पर एक करोड़ रुपये से भरा बैग उतारा गया था। बड़हिया एवं झाझा रेल थाना क्षेत्र में भी बैग उतारने का काम किया है। गिरोह के सदस्यों को पैसे एवं जेवरात से भरे बैग उतारने का चस्का लग चुका था।

झाझा-जसीडीह रेलखंड पर रेल पुलिस जवानों की यह करतूत कोई नई नहीं है। रेल पुलिस के जवानों ने 17 साल पूर्व साल 2006 में टाटा-छपरा एक्सप्रेस में लूटकांड को अंजाम दिया था। हमसफर एक्सप्रेस की तरह टाटा-छपरा एक्सप्रेस में सफर कर रहे एक दंपती की अटैची व बैग जीआरपी एस्कॉर्ट पार्टी के जवानों ने उतार लिए थे। उस वक्त भी रेलयात्रियों ने जवानों को रंगे हाथ धर दबोचा था। यात्रियों ने जवान को पकड़ने के लिए प्लेटफार्म पर दौड़ लगाई थी।

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