वैशाली में सड़क किनारे मिली मां-बेटे की लाश, स्वजन ने ससुरालवालों और स्थानीय थानाध्यक्ष पर लगाए गंभीर आरोप



संवाद सूत्र, जंदाहा। बिहार के वैशाली जिले के  जंदाहा थाना क्षेत्र के धंधुआ लंका टोला के पास से शनिवार सुबह पुलिस ने मां और एक नाबालिग बेटे का शव बरामद किया है।
पहले तो शव की पहचान नहीं हुई और पुलिस ने दुर्गंध दे रहे दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया।
शाम को राजापाकर के रहने वाले मृतका के पिता ने दोनों शवों की पहचान की। मालूम हो कि धंधुआ गांव के पास पक्की सड़क के किनारे स्थित झाड़ी में एक महिला एवं एक लड़के का शव पाए जाने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई थी।

दुर्गंध आने पर स्थानीय लोगों ने झाड़ी में एक महिला एवं एक लड़का का शव देखा था। इसके बाद बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए और इसकी सूचना जंदाहा थाना पुलिस को दी गई।
जंदाहा थानाध्यक्ष विश्वनाथ राम दल बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और जांच पड़ताल के बाद दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया था।
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शव देखकर आशंका जताई जा रही थी कि किसी दूसरे स्थान पर हत्या के बाद शव को छिपाने के उद्देश्य से फेंक दिया गया था। शाम तक शव की पहचान नहीं हो पाई थी।
पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने शव को सुरक्षित पोस्टमार्टम हाउस में ही रखा था। पुलिस की सूचना के बाद घटनास्थल पर पंचायत के मुखिया अनुपलाल सिंह, सरपंच बच्चा बाबू सिंह आदि भी मौके पर पहुंचे। 
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मृतका के पिता और राजापाकर थाना क्षेत्र के बैकुंठपुर के रहने वाले पप्पू ठाकुर ने दोनों शवों की पहचान की। महिला की चंचल देवी और बच्चे की पहचान कुमार आशिक के रूप में की गई।

मृतका के स्वजन ने बताया कि चंचल देवी की शादी 2010 में महुआ थाना क्षेत्र के बिशनपुर मधौल के रहने वाले अरविंद ठाकुर से हुई थी। शादी के बाद से ही दोनों में खटपट थी।
बाद में इनके दो बच्चे हुए। एक आशिक कुमार (08 वर्ष) और दूसरा आशीष (04 वर्ष) कुमार है। लेकिन बाद में फिर बेटी के साथ मारपीट होने लगी। इसके कारण दो साल से छोटे बेटे को अपने साथ राजापाकर में रखते थे।

स्वजन ने कहा कि बीती 25 मार्च को भी बेटी ने फोन कर मारपीट की बात बताई थी। जिसके कुछ देर बाद उसका मोबाइल बंद हो गया था।
उसके ससुराल जाने पर बताया गया कि चंचला बेटे को लेकर कहीं चली गई है और पिता के साथ भी दुर्व्यवहार किया गया। पिता ने इस संबंध में महुआ थाने में 28 मार्च को ही कार्रवाई के लिए आवेदन दिया था।

मृतका के पिता ने महुआ थानाध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि आवेदन देने के बाद भी प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई।

कई दिन दौड़ाने के बाद भी जब कार्रवाई नहीं हुई तो अपने स्तर पर अपनी बेटी और नाती को खोजना शुरू किया था।
वहीं, इस संबंध में जंदाहा थानाध्यक्ष विश्वनाथ राम ने बताया कि घटनास्थल से अज्ञात के रूप में दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। पुलिस मामले के अनुसंधान में जुटी है।

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