भोजपुर: दावां पंचायत की महिला मुखिया ने ई-गवर्नेंस संग लिखी नारी सशक्तीकरण की पटकथा



कंचन किशोर, आरा। बिहार के भोजपुर जिले में 228 पंचायत हैं, लेकिन जगदीशपुर-बिहिया पथ से सटे जगदीशपुर प्रखंड की दावां पंचायत की महिला मुखिया ने लीक से हटकर कुछ ऐसा किया कि इस पंचायत का नाम प्रदेश स्तर पर लिया जा रहा है।
पंचायत को वर्ष 2022 में महिला हितैषी वर्ग में उल्लेखनीय कार्य के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए प्रदेश से नामित भी किया गया। पंचायती राज मंत्रालय हर साल बाल हितैषी, स्वास्थ्य हितैषी, पर्यावरण हितैषी, आत्मनिर्भर हितैषी, महिला हितैषी, जल हितैषी आदि नौ वर्ग में देश की पंचायतों को राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चुनता है।

महिला मुखिया सुषुमलता कुशवाहा के नेतृत्व में गांव की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। ग्राम पंचायत की पहल पर पिछले साल सेनेटरी पैड की निर्माण इकाई खुली है, जिसमें संगिनी ब्रांड से पैड बनाए जाते हैं।
ग्राम पंचायत द्वारा संचालित इस इकाई में 10 महिलाएं निर्माण में और दो दर्जन से ज्यादा महिलाएं मार्केटिंग से जुड़ी हैं। मार्केटिंग का जिम्मा जीविका दीदियों को दिया गया है। मुखिया बताती हैं कि ग्राम विकास योजना से लगभग 10 लाख रुपये का निवेश हुआ है।
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ग्रामीण क्षेत्र में अच्छी गुणवत्ता वाले और ब्रांडेड कंपनियों से तीन गुना कम कीमत पर पैड सहज उपलब्ध होने से हमारी बेटियां कई तरह की बीमारियों से बच रहीं हैं। इसके अलावा पंचायत सरकार भवन में आए दिन महिलाओं के लिए ट्रेनिंग कार्यक्रम चलते रहते हैं।
पेपर प्लेट बनाने और सिलाई की ट्रेनिंग हासिल कर गांव की मुजू देवी, आरती देवी, पार्वती देवी आदि कई महिलाएं परिवार के लिए महीने में पांच से सात हजार रुपये कमा रहीं हैं।
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सुषुमलता बताती हैं कि ग्राम पंचायत का अपना ग्रामीण हाट है, जिसमें 14 दुकानें और सब्जी बाजार है। महिलाओं को अपना उत्पाद बेचने के लिए भटकना नहीं पड़ता। हाट इसी साल से शुरू हुआ है, इससे होने वाली आय से पंचायत में रखरखाव का कार्य होगा।
दावां पंचायत की यह कोई पहली उपलब्धि नहीं है। इससे तीन साल पूर्व केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय ने इस पंचायत को ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने के लिए दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार के लिए चुना था।
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यहां पंचायत सरकार भवन में ग्रामीणों को सभी प्रकार की सुविधाएं एक छत के नीचे मिलती हैं। यहां के आरटीपीएस काउंटर पर सभी 24 प्रकार की सुविधाओं का लाभ मिलता है। जिनमें आय, आवासीय, जाति प्रमाण पत्र शामिल हैं। पंचायत के विकास कार्यों का जायजा लेने वर्ल्ड बैंक की टीम भी आ चुकी है।
पंचायत के विकास में प्रधान का योगदान कितना अहम होता है, इसका अंदाजा दावां की बहू और 2016 से लगातार दूसरी बार मुखिया चुनी गईं सुषुमलता की कार्यशैली देखकर लगाया जा सकता है।
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कहती हैं, वर्ष 2012 में गांव की बहू बनकर आई थीं, पति मनजी चौधरी भी सामाजिक कार्यकर्ता थे, परिवार की कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं थी, डमी महिला मुखिया वाले सोच को बदलना था और पंचायत के लोगों को बेहतर जिंदगी देने का लक्ष्य था।
परिवार का साथ मिला, अब इसमें धीरे-धीरे सफलता मिल रही है। जिला पंचायतीराज पदाधिकारी जयंत जायसवाल कहते हैं कि दावां ने योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन किया अन्य पंचायतों को भी यहां से सीख लेनी चाहिए।

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