आज भारत बंद, चक्का जाम से रफ्तार पर लगेगा ब्रेक, बैंक-ट्रांसपोर्ट समेत इन चीजों पर होने वाला है सीधा असर!

08 Jan, 2020 08:50 AM | Saroj Kumar 550

मजदूर यूनियनों (Labor Unions) की आठ जनवरी को प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी हड़ताल (Nationwide Strike) के आह्वान को देखते हुए बुधवार को बैंक (Bank), परिवहन सेवाओं के साथ ही अन्य सेवायें प्रभावित हो सकतीं हैं. सरकार की जन- विरोधी नीतियों (Anti-People Policies) के खिलाफ अखिल भारतीय स्तर पर होने वाली इस हड़ताल में करीब 25 करोड़ लोगों के भाग लेने का अनुमान व्यक्त किया गया है.


हड़ताल को इन संगठनों का समर्थन
इस हड़ताल को इंटक, एटक, एचएमएस, सीटू, एआईयूटीयूसी, टीयूसीसी, सेवा, एआईसीसीटीयू, एलपीएफ और यूटीयूसी सहित विभिन्न संघों और महासंघों का समर्थन प्राप्त है.


मजदूर यूनियनों ने पिछले साल सितंबर में ही आठ जनवरी 2020 को हड़ताल का फैसला कर दिया था.


बैंक पहले ही सचेत हड़ताल के आह्वान को देखते हुए सार्वजनिक क्षेत्र के कई बैंकों ने बुधवार को बैंकिंग सेवाओं पर असर पड़ने के बारे में पहले ही शेयर बाजारों को सूचित कर दिया है. बैंक कर्मचारियों के सगठनों एआईबीईए, एआईबीओए, बीईएफआई, आईएनबीईएफ, आइ्रएनबीओसी और बैंक कर्मचारी सेना महासंघ ने हड़ताल का समर्थन करने और इसमें भाग लेने की इच्छा जाहिर की है.


बैंक सेवाएं हो सकती हैं प्रभावित
इससे सरकारी क्षेत्र के बैंकों में जमा राशि स्वीकार अथवा निकासी करने, चेक क्लियरेंस और दूसरी सेवायें प्रभावित हो सकती हैं. हालांकि, निजी क्षेत्र के बैंकों पर हड़ताल का असर नहीं पड़ने की संभावना है.परिवहन पर भी पड़ेगा हड़ताल का असर
बैंकिग सेवाओं के अलावा विभिन्न राज्यों में परिवहन सेवाओं पर भी हड़ताल का असर पड़ सकता है. पश्चिम बंगाल में वामदलों से संबंद्ध मजदूर यूनियनों ने केन्द्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार की आर्थिक नीतियों के खिलाफ बंद का आह्वान किया है. हालांकि, राज्य सरकार ने कहा है कि वह किसी बंद का समर्थन नहीं करेगी.


मजदूर यूनियनों ने कही ये बात
दस केन्द्रीय मजदूर यूनियनों ने संयुक्त बयान जारी कर कहा है, 'श्रम मंत्रालय ने कर्मचारियों की किसी भी मांग के बारे में कोई भी आश्वासन नहीं दिया है. मंत्रालय ने दो जनवरी 2020 को यूनियनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की थी. सरकार की नीतियों और कार्रवाई से लगता है कि उसका रवैया मजदूरों के प्रति उपेक्षा का है.'


सरकार ने उपक्रमों से कहा- हड़ताल से दूर रहें
इस बीच, केन्द्र सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से कहा है कि वह अपने कर्मचारियों को हड़ताल से दूर रहने को कहें. उपक्रमों से कहा गया है कि वह कामकाज को सामान्य बनाये रखने के लिये आकस्मिक योजना भी तैयार रखें. उधर, केरल में मजदूर संगठनों ने राज्य के पर्यटन क्षेत्र को आम हड़ताल से अलग रखा है. केरल ट्रैवल मार्ट सोसायटी ने मजदूर संगठनों और राजनीतिक दलों के इस फैसले को 'अनुकरणीय' बताया है.


केन्द्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को भी हड़ताल से दूर रहने को कहा है. कार्मिक विभाग द्वारा जारी एक कार्यालय ज्ञापन में कहा गया है, 'कोई भी कर्मचारी यदि किसी भी तरह से हड़ताल में शामिल पाया जाता है तो उसे परिणाम भुगतने को तैयार रहना चाहिये. उसके वेतन में कटौती करने से लेकर उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है.

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