भक्ति का मार्ग ही मानव के लिए श्रेयष्कर : जीयर स्वामी

रोहतास। भक्ति के मार्ग पर ही चलना मानव जीवन के लिए श्रेयष्कर है। मानव को किसी भी अवस्था में अपने धर्म को नहीं भूलना चाहिए। जो माता पिता धर्म मार्ग अपनाते हैं, उनके वंशज भी उन्हीं के मार्गों को अपनाते हैं। इसलिए धर्म के बिना विद्या,राजनीति, विकास सभी अधूरा रहता है। स्थानीय पं. गिरीश नारायण मिश्र महाविद्यालय परिसर में श्री लक्ष्मीनारायण प्रपन्नाचार्य जीयर स्वामी ने प्रवचन करते हुए यह बातें कही। कहा कि मानव को अपने धर्म पथ पर अडिग रहना चाहिए। शिक्षण संस्थानों को विद्या के मंदिर के रूप में ही स्वच्छ एवं सुन्दर रखने की आवश्यकता है। इससे पहले कॉलेजकर्मियों सहित स्थानीय लोगों द्वारा एनएच 30 पर फूल माला से स्वामी जी का स्वागत कर जयघोष किया गया।

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कार्यक्रम की शुरुआत महाविद्यालय के सचिव मंजीव मिश्र द्वारा आरती कर की गई। मौके पर प्राचार्य रामएकबाल तिवारी, मदनमोहन त्रिवेदी, एकाउंटेंट रोहन गुप्ता, ओपी मिश्र, आरती कुमारी, उपेन्द्र विक्रम सिंह, सचिदानंद दूबे, नूतन बाला, धीरज मिश्र, सुरेन्द्र दूबे, श्यामसुन्दर दूबे सहित अन्य मौजूद थे।
Posted By: Jagran
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