बैठक में आंदोलन करने का लिया गया निर्णय

राजगीर-बोधगया राजमार्ग 82 को फोरलेन बनाने व हिसुआ में बाइपास निकालने के लिए किसानों की अधिग्रहित जमीन का मुआवजा काफी कम मिलने से नाराज किसान आंदोलन करेंगे। बुधवार की शाम बैठक में इस आशय का निर्णय लिया गया। 60 की संख्या में किसानों ने पॉचू सूढी टोला में शंकर चौधरी के आवास पर बैठक की। अध्यक्षता राजेंद्र ठीकेदार ने की। निर्णय लिया गया कि कम मुआवजा के विरोध में मगध प्रमंडल के आयुक्त के न्यायालय में अपील दायर किया जाएगा। बैठक में आए किसानों ने कहा कि आयुक्त के न्यायालय से न्याय नहीं मिलने पर एनएच 82 को अनिश्चितकालीन जाम किया जाएगा। कृषक महेश प्रसाद ने कहा कि जिस जमीन का वर्तमान में रजिस्ट्री फीस नौ लाख नब्बे हजार डिसमिल लगता है, उस जमीन का मुआवजा महज 50 हजार रुपये प्रति डिसमील मिलना न्याय है। उन्होंने कहा कि किसान जनहित में जमीन देने से पीछे नहीं हट रहे हैं, बशर्ते उचित मुआवजा मिले। शहरी क्षेत्र में ढाई गुणा मुआवजा देने का प्रावधान है, लेकिन प्रशासन द्वारा दो गुणा मुआवजा देने का फैसला कर किसानों के साथ सौतेला व्यवहार किया गया है। उन्होंने बताया कि दो चार किसान ऐसे हैं, जिनकी पूरी की पूरी जमीन फोरलेन में जा रहा है। वैसे किसान को कम मुआवजा मिलने पर उनके परिवार के समक्ष जीपन यापन का संकट होगा। बैठक में अशोक कुमार, रौशन कुमार, प्रसादी महतो, छोटे सिंह, पुरूषोतम सिंह, अरविद कुमार, मेघन चौधरी , विनोद कुमार, प्रफुल चौधरी आदि किसान उपस्थित थे।

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Posted By: Jagran
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