आज के दिन पाकिस्तान को विश्व कप में लगातार पांचवीं बार हराकर फाइनल में पहुंची थी टीम इंडिया

कोरोना वायरस की वजह से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में लगे ब्रेक के बीच फैंस पुराने मैच देखकर खुद को अपने पसंदीदा खेल से जोड़े रखने की कोशिश कर रहे हैं। हम भी कुछ ऐसा ही कर रहे हैं। यादें ताजा करने के इस सिलसिले में आज हम बात करेंगे नौ साल पहले आज ही के दिन भारत और पाकिस्तान के बीच खेले गए 2011 विश्व कप 2011 सेमीफाइनल मैच की।

30 मार्च 2011 को मोहाली के पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन आईएस बिंद्रा स्टेडियम में खेले गए मैच में पाकिस्तान को 29 रन के अंतर से हारकर भारत ने ना केवल विश्व कप में पाकिस्तान को लगातार पांचवीं बार मात दी थी, बल्कि फाइनल में जगह भी पक्की की थी। और आगे जाकर श्रीलंका को हरा 28 साल बाद दूसरा वनडे विश्व कप जीता।
सेमीफाइनल मैच में कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया था। इस मैच के हीरो थे क्रिकेट के भगवान और भारत के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर। मैन ऑफ द मैच रहे तेंदुलकर ने 115 गेंदो पर 11 चौकों की मदद से 85 रनों की पारी खेली। तेंदुलकर की इस पारी की मदद से भारत ने पाकिस्तान के सामने 261 रनों का मजबूत लक्ष्य रखा।
जब आउट हो गए थे सचिन..
इस मैच का सबसे यादगार पल है सचिन तेंदुलकर का विकेट। जी हां, सचिन सेमीफाइनल मैच के दौरान 11वें ओवर में सईद अजमल की चौथी गेंद पर विकेट के सामने बीट हुए और अंपायर इयान गाउल्ड ने सचिन को आउट दिया। अपने साथी बल्लेबाज वीरेंदर सहवाग से बात करने के बाद सचिन ने डीआरएस लेने का फैसला किया। बॉल ट्रैकिंग रीप्ले में साफ दिखा कि गेंद विकेट को मिस कर रही है। जिसके बाद सचिन ने पारी जारी रखी।
#OnThisDay in 2011, most important DRS in the history of cricket was taken by Sachin.#IndvPak pic.twitter.com/fFvghtkRq6
- Right Arm Over (@RightArmOver_) March 30, 2020
गौर करने वाली बात ये भी है कि इस एलबीडब्ल्यू अपील के बाद पाक खिलाड़ियों ने दो बार तेंदुलकर का कैच छोड़ा और दोनों ही बार गेंदबाज कप्तान शाहिद आफरीदी थे। पहला मौका था चौथे ओवर की पहली गेंद पर जब मिसबाह उल हक ने मिडविकेट पर सचिन का कैच छोड़ा और दूसरा मौका था 19वें ओवर की तीसरी गेंद का, जहां यूनिस खान दोषी बने।
वहाब ने लगातार दो गेंदो पर लिए कोहली-युवराज के विकेट
मैच के 26वें ओवर में पाकिस्तान टीम को सबसे बड़ी सफलता तेज गेंदबाज वहाब रियाज ने दिलाई। उन्होंने ओवर की दूसरी गेंद पर कोहली को उमर अकमल के हाथों कैच कराया। अगली गेंद पर क्रीज पर उतरे नए बल्लेबाज युवराज को शून्य पर चलता किया, जो कि टीम इंडिया के सबसे बड़ा झटका था। क्योंकि युवराज टूर्नामेंट में भारत के सबसे सफल बल्लेबाज थे।
दो गेंदो पर दो विकेट लेने के बाद रियाज हैट्रिक पर थे। हैट्रिक गेंद का सामना कप्तान धोनी ने किया जो कि खुशकिस्मत साबित हुए लेकिन बड़ी पारी नहीं खेल पाए। धोनी ने इस मैच में 42 गेंदो पर 25 रन बनाए थे और रियाज के ओवर में ही एलबीडब्ल्यू आउट हुए। रियाज ने इस मैच में पांच विकेट हॉल दर्ज किया था लेकिन पाक टीम को हार से नहीं बचा पाए थे।
जब युवराज सिंह की विस्फोटक पारी के दम पर भारत ने 24 साल बाद विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया को हराया
लक्ष्य का पीछा करने उतरे पाकिस्तान टीम ने छोटे अंतराल में विकेट खोए और बल्लेबाज बड़ी साझेदारी बनाने में नाकाम रहे। सेमीफाइनल मैच में पाकिस्तान के ओर से सर्वाधिक 56 रन सीनियर खिलाड़ी मिसबाह उल हक ने बनाए थे। जबकि कप्तान शाहिद आफरीदी मात्र 19 रन बनाकर हरभजन सिंह का शिकार हुए थे। पूरी पाकिस्तान टीम 231 रन बनाकर 50 ओवर में एक गेंद बाकी रहते ऑलआउट हो गई। 29 रन से ये मैच जीतकर टीम इंडिया ने फाइनल का टिकट कटाया

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