स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही पड़ सकती है भारी

मधेपुरा। कोरोना कैरियर बनकर बिहारीगंज की महिला कई हॉस्पिटल व अपने घरों में लोगों से मिलते रही। मधेपुरा के बिहारीगंज की कोरोना पॉजिटिव निकली महिला के इलाज में बरती लापरवाही भारी पड़ सकती है। कोरोना डेडिकेटेड हॉस्पिटल रहने के बावजूद भागलपुर मेडिकल कॉलेज ने महिला का न तो सैंपल लिया और न एम्बुलेंस उपलब्ध कराया। इस वजह से भागलपुर से लौटने के बाद महिला कितने ही लोगों से मिलती रही और ऑटो से ट्रेवल करती रही। भागलपुर मेडिकल कॉलेज में महिला में कोरोना के कुछ प्रारंभिक लक्षण रहने के बावजूद पटना रेफर कर दिया। भागलपुर में उसे आम मरीज की तरह देखकर उसे पुन: वापस घर आने दे दिया। जबकि एक दिन बाद ही 23 को जब महिला पटना आइजीएमएस गई तो पहले उसका सैंपल लिया गया। 24 अप्रैल को उसकी पॉजिटिव रिपोर्ट आई। यहां सवाल यह है कि आखिर पटना के चिकित्सकों को जो लक्षण दिखा वह भागलपुर या मधेपुरा के चिकित्सकों को क्यों नहीं दिखा। भागलपुर में दिखाई होती सक्रियता तो कम होता खतरा अगर भागलपुर या मधेपुर में ही सैंपल लेकर उसे आइसोलेट कर दिया गया होता तो घर परिवार के साथ कई लोगों को संक्रमण का खतरा नही मंडरा रहा होता। भागलपुर से रेफर करने के बाद उसके लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं की। साधारण प्रोटोकॉल का पालन भी नहीं किया गया। न तो भागलपुर में उसका सैंपल लेकर आइसोलेट किया गया और न ही पटना जाने के लिए एम्बुलेंस उपलब्ध कराया गया। एम्बुलेंस नहीं मिलने के कारण वहां से सभी वापस बिहारीगंज स्थित अपने घर आ गए। परिजन प्राइवेट एम्बुलेंस में लगने वाले 20-25 हजार रुपया का खर्च देखकर एम्बुलेंस से जाने का इरादा छोड़ दिया। पटना जाने के लिए गांव का ही एक ऑटो किराए पर लिया। इस दौरान महिला के संपर्क में आने वाले कि संख्या पांच दर्जन रही। भागलपुर के जेएलएनएमसीएच की यह लापरवाही कितनों पर भारी पड़ सकती है।

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19 मार्च को गई थी उदाकिशुनगंज महिला बीते कई माह से गॉल ब्लैडर के कैंसर से पीड़ित थी। इस दौरान कई हॉस्पिटल का चक्कर लगाते रही। इधर लॉक डाउन में 19 अप्रैल को उदाकिशुनगंज रेफरल हॉस्पिटल गई। जहां उसे सिर्फ कैंसर की बीमारी जानकर भागलपुर रेफर कर दिया। 21 को ऑटो से सभी उस महिला को लेकर भागलपुर गए। भागलपुर में भी उसे कैंसर रोगी मानकर पटना आइजीएमएस के कैंसर संस्थान रेफर कर दिया। भागलपुर में इसके बावजूद भी उस महिला को न तो एम्बुलेंस उपलब्ध कराया। ऐसी हालत में कर्ज लेकर महिला को उसके परिजन ऑटो से ही पटना लेकर गए।
Posted By: Jagran
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