जीवित रहते हुए दान कर सकते हैं लिवर का कुछ भाग

लिवर ट्रांसप्लांट की स्थिति तब आती है, जब किसी व्यक्ति का लिवर इस हद तक डैमेज हो चुका हो कि उसकी जान पर खतरा मंडरा रहा हो। आमतौर पर लिवर ट्रांसप्लांट के लिए लिवर किसी ऐसे व्यक्ति का लिया जाता है, जो अपने जीवित रहते हुए अपना लिवर डोनेट कर चुका हो। हालांकि दो स्थितियां और हैं...

एक से बन जाते हैं दो लिवर
कई बार किसी के परिजन भी अपने संबंधी की मृत्यु के बाद उसके अंगों को डोनेट कर देते हैं, जिससे जरूरतमंद लोगों को नई जिंदगी मिलती है। लेकिन खास बात यह है कि अब जीवित रहते हुए भी कोई डोनर अपने लिवर का कुछ पार्ट डोनेट कर सकेगा और दूसरे व्यक्ति की जान बचा सकेगा।
लिविंग डोनर लिवर ट्रांसप्लांट
जीवित डोनर द्वारा अपने लिवर का कुछ हिस्सा दूसरे व्यक्ति की लाइफ सेव करने के लिए देने की इस प्रक्रिया को लिविंग डोनर लिवर ट्रांसप्लांट
कतार होगी छोटी
दुनियाभर में बड़ी संख्या में लोग लिवर ट्रांसप्लांट कराने के लिए कतार में हैं, वहीं डोनर से कहीं ज्यादा संख्या जरूरतमंदों की है। ऐसे में लिविंग डोनर ट्रांसप्लांट इस कतार को कम करने का काम करेगी।
खुद को सेव करता है लिवर
विशेषज्ञों के अनुसार, लिवर एक मात्र ऐसा बॉडी ऑर्गन है, जो खुद को रिजनरेट कर लेता है। इसकी यही खूबी लिविंग डोनर लिवर ट्रांसप्लांट को संभव बनाती है।
इतने वक्त में पूरा हो जाता है लिवर
डॉक्टर्स के मुताबिक, जो जीवित व्यक्ति अपने लिवर का कुछ हिस्सा दूसरे व्यक्ति को डोनेट करता है, उसका लिवर मात्र 2 महीने के अंदर ही ग्रोथ करके अपने नैचरल साइज में वापस आ जाता है।
बन जाता है पूरा लिवर
इतना ही नहीं रिसीवर यानी जिसके शरीर में लिवर ट्रांसप्लांट किया गया है। उसके शरीर में ट्रांसप्लांट किया गया लिवर का हिस्सा भी धीरे-धीरे ग्रोथ करता है और कुछ वक्त बाद नॉर्मल लिवर की तरह काम करने लगता है।
यह है एक ईश्यू
जो लोग लिविंग डोनर लिवर ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया से गुजरते हैं, उनमें इस प्रॉसेस के बाद कुछ मेडिकल ईश्यूज हो सकते हैं, जो आमतौर पर उन लोगों में नहीं होते हैं, जो किसी मृत डोनर का लिवर ट्रांसप्लांट कराते हैं।
ऐसा लिवर अधिक समय चलता है
लेकिन लिविंग डोनर लिवर ट्रांसप्लांट की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इस प्रक्रिया में लिया गया लिवर मृत लोगों के लिवर की तुलना में अधिक लंबे समय तक सर्वाइव करता है।
बच्चों में सबसे अधिक
खास बात यह है कि लिविंग डोनर लिवर ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया बच्चों के लिए सबसे अधिक अपनाई जाती है। जहां कोई अडल्ट व्यक्ति अपने लिवर काहिस्सा डोनेट करता है। वहीं किसी अडल्ट के लिवर का हिस्सा दूसरे अडल्ट में भी ट्रांसप्लांट किया जा सकता है।

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