शहर में वेंडिग जोन का सपना नहीं हो रहा पूरा, 1055 दुकानदार नप में हैं रजिस्टर्ड



संवाद सहयोगी, किशनगंज : शहर में वेंडिग जोन का सपना साकार होता नहीं दिख रहा। रेहड़ी व ठेले को लगा परिवार का भरण पोषण करने वाले नागरिकों के लिए नगर परिषद द्वारा कोई उचित पहल नहीं दिख रही है। कभी अतिक्रमण हटाओ अभियान में उजड़ने का भय तो कभी सुविधाओं के अभाव में मेहनतकश लोगों के सपने उजड़ते रहे हैं। पूर्व में तीन स्थानों का चयन कर वेंडिग जोन के सुविधा संपन्न विकास के लिए नगर परिषद ने डीपीआर भेजा था। इनमें से लगभग प्रत्येक चिन्हित क्षेत्र के लिए 35 से 40 लाख की राशि के अनुमानित लागत का खाका तैयार किया गया था। वर्तमान में नगर परिषद के क्षेत्र में एक हजार 55 वेंडिग जोन के लिए रजिस्टर्ड दुकानदार हैं। लेकिन ऐसे रजिस्टर्ड दुकानदारों को वेंडिग जोन का लाभ नहीं मिल रहा है।

शहर के विकास के साथ जनसंख्या बढ़ोतरी लगातार होती जा रही है। रोजगार की अनुपलब्धता के अभाव में गरीब लोगों ने ठेले व सड़कों किनारे रेहड़ी पटरी पर काम करना प्रारंभ किया। इससे बेतरतीब तरीके से इनकी संख्या बढ़ती गई। स्थानीय निकाय प्रशासन ने इसके लिए शहर में तीन स्थानों का चयन किया था। इसके लिए डे-मार्केट में दो व माधवनगर में एक स्थान को चिन्हित किया गया था। जहां इन निबंधित ठेले वालों को सम्मान सहित रोजगार का अवसर प्राप्त हो सके। इसके लिए नगर विकास एवं आवास विभाग को डीपीआर बना कर भेजा गया था। कितु अबतक अनुमति ना मिलने के कारण शहरवासियों के एक निश्चित स्थान पर वेंडिग जोन का सपना पूरा नहीं हो पा रहा है। इसके साथ ही लगातार ऐसे बेरोजगार लोगों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है। इससे सड़क जाम के साथ ही रोजगार संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। नगर परिषद कर रहा अपने स्तर पर तैयारी:::--
शहर के व्यवस्था को भलीभांती सुचारु बनाने के लिए नगर परिषद अपने स्तर पर इसके निदान के लिए कई पहल करने पर विचार कर रहा है। इसके तहत डे-मार्केट इलाके में वेंडिग जोन पर कई सरकारी योजनाओं के लाभ के अलावा ऐसे लोगों को नियमित करने की तैयारी है जो कई वर्षों से निबंधित होने के बावजूद सम्मान सहित व्यवसाय से वंचित हैं। इनके लिए निकाय स्तर पर कई सुविधाओं को लेकर तैयारियां की जा रही है। कोरोना काल में एक हजार 450 लोगों ने लिया है लोन:-
शहर में एक हजार 55 रेहड़ी पटरी लगाने वाले नगर परिषद में वेंडिग जोन के नाम पर फुटपाथी दुकान चलाने वाले में निबंधित हैं। इनका निबंधन कई स्थानों पर शिविर लगा व भौतिक सत्यापन के आधार पर किया गया है। इनमें से कई निबंधित ऐसे भी हैं जिन्होंने फर्जी तरीके से भी अपना निबंधन कराया है। इनकी जांच चल रही है। निबंधितों में से एक हजार 450 ने कोरोना काल में केंद्र सरकार के योजना का लाभ उठाते हुए ऋण का फायदा लिया हुआ है। ऋण की राशि लौटाने वालों को सरकार की ओर से व्यवसाय को बढ़ाने के लिए राशि में इजाफा के साथ दोबारा लोन दिया जा रहा है।
----------------
कोट के लिए::-
पूर्व में विभाग को तीन स्थानों का चयन कर डीपीआर भेजा गया था। लोगों को सुविधा संपन्न वेंडिग जोन देने के लिए प्रयास जारी है। अबतक अनुमति नहीं मिली है। नगर परिषद अपने निर्गत राशि से योजना बनाकर ऐसे कुछ स्थानों में शुरुआत करने वाली है। ताकि लोगों को बेहतर सुविधा प्राप्त हो सके।
दीपक कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी नगर परिषद (किशनगंज) ---------------------------------------------

अन्य समाचार