हाल ही में कोरोना वायरस एक महामारी बन गया है। विश्व में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के चलते कई तरह से सावधानिया बरती जा रही है ऐसे में भारत में भी कई राज्यों में लॉक डाउन कर दिया गया है। अभी भारत नोवल कोरोनावायरस फिलहाल 'स्टेज 2' पर है, अगर जल्द सख्त कदम नहीं उठाएं गए तो इस वायरस का प्रकोप 'स्टेज 3' में प्रवेश कर लेगा।
ये है कोरोना वायरस की 4 स्टेज:
# स्टेज 1: जब ये इस स्टेज में पाया जाता है तब इम्पोर्टेड केस यानी बाहर से आए मामले जब COVID-19 के प्रकोप वाले किसी देश से आए या लौटे शख्स को इससे संक्रमित पाया जाता है, तो ऐसे मामले को इम्पोर्टेड केस कहते हैं। जैसे कहीं पर कोरोनावायरस के प्रकोप वाले देशों से आने वालों में संक्रमण के मामले पाए जाएं।
# स्टेज 2: इस स्टेज में ये वायरस का संक्रमण बढ़कर दुसरो को भी बीमार करता है जिसमे लोकल ट्रांसमिशन यानी स्थानीय संचरण जब वायरस संक्रमित मरीज के संपर्क में आने वालों में पहुंचता है। ऐसे मामले उसके परिवार या मिलने वालों में देखे जाते हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के अनुसार भारत अभी स्टेज 2 में है।
# स्टेज 3: ये रेड सिग्नल सतही है जिसमे कम्युनिटी ट्रांसमिशन यानी सामुदायिक संचरण इस स्टेज पर जरूरी नहीं है कि संक्रमित हुआ शख्स वायरस के प्रकोप वाले देशों से आया हो या संक्रमित मरीज के संपर्क में रहा हो। इस स्टेज पर संचरण यानी ट्रांसमिशन इतनी बड़ी तादाद में होने लगता है कि ये पता लगाना मुश्किल हो जाता है कि लोग कैसे और कहां से वायरस से संक्रमित हो रहे हैं।
# स्टेज 4: एपिडेमिक यानी महामारी जब ये वायरस कम वक्त में बहुत तेजी से लोगों में फैलना लगता है, तो नेशनल हेल्थ इमरजेंसी के हालात बन जाते हैं। भारत की टेस्टिंग स्ट्रैटजी अभी उन लोगों पर फोकस कर रही है, जो बाहरी देशों की यात्रा कर आए हैं और वो बाहर से आए मामले यानी स्टेज 1 के हो सकते हैं।