चाइना से दुनिया भर में फैले तथा संसार में महामारी घोषित हुए कोविड-19 यानी कोरोना वायरस को मात देने के लिए सरकार व समाज के द्वारा अनेकों कोशिश जारी है.
ऐसे में अपने दिलो-दिमाग पर कोरोना के डर को कतई प्रभावी ना होने दें. हर वक्त कोरोना के बारे में सोचने से आप बेवजह मानसिक तनाव में आ सकते हैं. प्रदेश नोडल ऑफिसर (मानसिक स्वास्थ्य) डाक्टर सुनील पाण्डेय ने बताया कि हम जिस संबंध में भी बहुत देर तक सोचते और मनन करते हैं वह हम पर हावी हो जाता है. ऐसे में उसका नफा-नुकसान नजर आने लगता है, जो कि किसी के लिए भी खतरनाक होने कि सम्भावना है.
उन्होंने बताया कि लॉकडाउन की स्थिति में सभी चीजें ठहर सी गई हैं. इसके लिए महत्वपूर्ण है कि अपनी दिनचर्या में परिवर्तन लाएं व यदि आवश्यक सेवाओं से नहीं जुड़ें हैं, तो घर से बाहर निकलने से परहेज करें. टीवी, अखबार व सोशल मीडिया में सिर्फ कोरोना के बारे में देखने-समझने व अपनो से सिर्फ उसी बारे में बात करने से बचें. ऐसा करने से आप मानसिक तनाव में आकर अपने साथ ही घर के अन्य सदस्यों को बीमार बना सकते हैं.
उन्होंने इससे ध्यान हटाने के लिए टीवी सीरियल देखने, पुस्तकें पढ़ने आदि की सलाह देते हुए बोला कि खाना बनाने का शौक है तो किचेन में कुछ वक्त बिताएं, यदि आपको घर पर ही रहना है तो अपने शौक को जिंदा रखें. अगर खाना बनाने का शौक है तो अपने हाथों से कुछ नयी डिश बनाएं व अपनों के साथ शेयर करें.