मधेपुरा। सरकारी स्तर से मक्के की खरीद नहीं किए जाने से किसान काफी हताश है। किसानों को मक्का का उचित समर्थन मूल्य नहीं मिलने से उनके समक्ष आर्थिक संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है। उचित समर्थन मूल्य मिलने की आस में तैयार मक्का की फसल को जमा रखने की समस्या से हर किसान जूझते नजर आ रहे हैं। मक्का के लिए भंडारण की कोई भी व्यवस्था नहीं रहने से वे औने पौने दाम में मक्का बेचने को विवश हैं। साथ ही समय पर फसल की बिक्री नहीं होने से इस इलाके के किसान अगली फसल के लिए खुद को तैयार भी नहीं कर पा रहे हैं। मालूम हो कि प्रखंड क्षेत्र के 80 प्रतिशत किसान मुख्य रूप से नकदी फसल के रूप में मक्का की खेती करते हैं। ऐसे में मक्का का सही कीमत नहीं मिलने के कारण किसान काफी परेशानी में हैं। किसान रामचन्द्र प्रसाद सिंह, विनोदानंद सिंह, अरुण दास, मणीकांत मेहता, रामकुमार चौधरी, भिखारी यादव, शंभू मेहता, मनोज यादव,राजेश रोशन, अरूण मेहता, अनोज मेहरा, राजेन्द्र मेहरा, गौरी यादव,लक्ष्मीकांत चौधरी, सचिदानंद मेहता, अर्जुन मरड़, संजय यादव, अरूण मेहता, मोहम्मद सहादत, सुनील पासवान, हिमांशु कुमार, संतोष मेहता, धर्मेन्द्र यादव मानें तो पिछले साल दो हजार से 24 सौ रुपए प्रति क्विंटल की दर से मक्का की बिक्री की गई थी। उसी कीमत की आस लिए इस बार प्रखंड क्षेत्र के किसानों ने गेहूं की खेती छोड़कर मक्का की जमकर खेती की थी। लेकिन स्थिति यह है कि फिलहाल एक हजार से 12 सौ रुपए प्रति क्विटल की दर से बेचना उनकी मजबूरी बन गई है।
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Posted By: Jagran
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