भारत-नेपाल ऊर्जा व्यापार को सुदृढ़ करने के लिए नीतिगत पहल जरूरी

पटना, 14 अगस्त (आईएएनएस)। सेंटर फॉर एनवायरनमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (सीड) ने शुक्रवार को भारत-नेपाल सब-नेशनल एनर्जी ट्रेड को प्रोत्साहन देने के लिए पावरिंग इंडिया-नेपाल : लो कार्बन डेवलपमेंट पाथवे थ्रू ट्रांस बाउंड्री रिन्यूएबल एनर्जी ट्रेड विषय पर एक अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया, जिसमें भारत-नेपाल ऊर्जा व्यापार को सुदृढ़ करने के लिए नीतिगत पहल को जरूरी बताया गया।वेबिनार का उद्देश्य भारत और नेपाल के बीच साझा मुद्दों और ऊर्जा व्यापार के अवरोधों की पहचान करना तथा एक समुचित नीतिगत ढांचे पर विचार करना था, जिससे ऊर्जा व्यापार के क्षेत्र में परस्पर लाभ हो और दक्षिण एशिया के ये दोनों देश भी विकास के पथ पर अग्रसर हो सके।

इस वेबिनार में भारत और नेपाल के बिजनेस लीडर्स, रिन्यूएबल एनर्जी डेवेलपर्स, सरकारी एजेंसियों, थिंक टैंक, गैर सरकारी संगठनों के सदस्यों, शिक्षाविदों सहित कई लोगों ने हिस्सा लिया।
वेबिनार में द्विपक्षीय व्यापार के पक्ष में बोलते हुए इराडे के तकनीकी निदशक वी.क़े अग्रवाल ने कहा, रिन्यूएबल एनर्जी ट्रेडिंग केवल मार्केट संबंधी प्रक्रिया नहीं है, बल्कि एक रीजनल रेवोल्यूशन है। भारत, नेपाल, भूटान और बांग्लादेश के बीच अक्षय ऊर्जा व्यापार हानिकारक जीवाश्म ईंधनों पर आधारित ऊर्जा उत्पादन की जगह ले सकता है और विशाल हाइड्रो-पावर संभावना के साथ नेपाल भारत के ऊर्जा संतुलन संबंधी मांग को आसानी से पूरा कर सकता है।
नेशनल हाइड्रो पावर कंपनी लिमिटेड, नेपाल के कार्यकारी अध्यक्ष और इंडेपेंडेंट पावर प्रोडूसर्स एसोसिएशन, नेपाल के उपाध्यक्ष कुमार पांडेय ने कहा, पिछले कुछ वर्षो में भारतीय एजेंसियों ने अंतर्देशीय व्यापार को लेकर बहुत अच्छा कार्य किया है। अब हम ऐसी अवस्था में हैं, जब ऊर्जा बाजार द्विपक्षीय व्यापार के लिए अनुकूल है, इसलिए गतिरोध के मुद्दों को सुलझा कर ऊर्जा व्यापार के क्षेत्र में नए युग में प्रवेश करने का यह सही समय है। इससे सभी स्टॉकहोल्डर्स को फायदा होगा।
हाइड्रो सॉल्यूशन्स प्राइवेट लिमिटेड, नेपाल के कार्यकारी अध्यक्ष ज्ञानेंद्र लाल प्रधान ने वेबिनार में अपनी बात रखते हुए कहा कि हाइड्रो पावर कोई विकल्प नहीं, बल्कि विवशता है और एक मजबूत साधन है, जो बाढ़ नियंत्रण, जलापूर्ति, खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने के अलावा पर्यावरण को स्वच्छ रखने में कारगर होगा। नेपाल से हाइड्रो पावर के निर्यात की असीम संभावनाएं हैं और यह क्षेत्रीय विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
वेबिनार का संचालन करते हुए अभिषेक प्रताप ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को कारगर ढंग से रोकने में अक्षय ऊर्जा की बड़ी भूमिका है और इन ऊर्जा विकल्पों को सीमाओं तक सीमित नहीं रख कर सबको साझा किया जाना चाहिए।
वेबिनार का समापन इस निष्कर्ष के साथ हुआ कि सब-नेशनल एनर्जी ट्रेड के तहत अक्षय ऊर्जा व्यापार को बढ़ावा देने के लिए एक समुचित माहौल में मजबूत नीतिगत पहल और नियामकीय ढांचे की जरूरत है, जिससे कि अवरोधों को दूर कर साझा मुद्दों पर सहमति बन सके।
-आईएएनएस
एमएनपी/एसजीके

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