आमिर खान का जन्म मुंबई में हुआ था। उनकी मां का नाम जीनत हुसैन और उनके पिता का नाम ताहिर हुसैन है। आमिर की पहली हिट सुपरहिट फिल्म ‘कयामत से कयामत तक’ थी और इसी फिल्म की बदौलत आमिर के कजिन मंसूर खान ने रातोंरात स्टार उन्हें स्टार बना दिया था। हालांकि वे खुद अब लंबे समय से फिल्मी दुनिया से गायब हैं।
1988 में ‘कयामत से कयामत तक‘ से बतौर डायरेक्टर उन्होंने फिल्मों में एंट्री ली और 2008 में प्रोड्यूसर के तौर पर उन्होंने पहली और आखिरी फिल्म ‘जाने तू…या जाने ‘ बनाई।लेकीन मंसूर अब फिल्म इंडस्ट्री से बहार साउथ इंडिया में चीज बनाने का बिजनेस कर रहे हैं |करीब 15 साल से तमिलनाडु के नीलगिरी जिले के छोटे से कस्बे कुनूर में पहाड़ों पर मंसूर रह रहे हैं और वह चीज बनाने का काम कर रहे हैं।
लेकिन आखिर किस चीज के बिजनेस के लिए मंसूर ने फिल्मों को क्यों छोड़ा?
एक इंटरव्यू के दौरान इस सवाल के जवाब में मंसूर बताया था कि, “यह कोई अचानक लिया गया फैसला नहीं बल्कि उनकी तो बचपन से ही ऐसा कोई बिजनेस करने की इच्छा थी “बकौल मंसूर, “पनवेल में मुंबई के पास में हमारी कुछ जमीन थी, जिससे हमें काफी लगाव था। और साथ ही में मैं और मेरी बहन वहां अक्सर जाते थे और अपने हाथों से उस जमीन पर भिन्डी के पौधे लगाया करते थे । मैं अब्रॉड से कॉर्नेल और MIT तक गया, लेकिन फिर भी अंदर से खुश नहीं था।”
“और फिर अचानक से ही पापा (नासिर हुसैन) ने फिल्मों में आने की सलाह दी। तब भी मेरा मुख्य उद्देश्य जमीन के साथ जुड़े रहना था। फिल्में तो सिर्फ उस समय तक के लिए थीं, जब तक कि मुझे वह जिंदगी नहीं मिली, जैसी मैं जीना चाहता था।