इंदौर (मध्यप्रदेश), 18 अप्रैल कोविड-19 के मरीजों के लिए गुजरात के जामनगर से ऑक्सीजन लेकर इंदौर पहुंचे टैंकर के सामने राज्य के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट और अन्य भाजपा नेताओं द्वारा पूजा-पाठ करने पर विवाद खड़ा हो गया है।
प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सत्तारूढ़ दल के नेताओं ने "मीडिया कवरेज की भूख के चलते" टैंकर को ऐसी नाजुक घड़ी में शहर के दो स्थानों पर देर तक रोके रखा, जब शहर के अस्पतालों में भर्ती महामारी के गंभीर मरीज मेडिकल ऑक्सीजन का इंतजार कर रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता नीलाभ शुक्ला ने रविवार को कहा, "जामनगर से ऑक्सीजन लेकर शनिवार रात इंदौर पहुंचे टैंकर को यहां चंदन नगर चौराहे पर लगभग एक घंटे तक रोका गया, ताकि सिलावट और अन्य भाजपा नेता पूजा-पाठ के बहाने मीडिया कवरेज की अपनी भूख मिटा सकें।"
उन्होंने कहा कि जब यह टैंकर चंदन नगर चौराहे से शहर के एक फिलिंग स्टेशन पहुंचा, तो भाजपा नेता वहां भी आ गए और उसके सामने पूजा-पाठ के बहाने अपनी तस्वीरें खिंचवाईं। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, "भाजपा नेताओं ने यह पूरी नौटंकी उस वक्त की, जब शहर के अस्पतालों में मेडिकल ऑक्सीजन की भारी कमी के चलते महामारी के गंभीर मरीज एक-एक सांस के लिए संघर्ष कर रहे हैं।"
इस बीच, सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो आये हैं जिनमें जल संसाधन मंत्री सिलावट, भाजपा की शहर इकाई के अध्यक्ष गौरव रणदीवे और अन्य भाजपा नेता ऑक्सीजन टैंकर के सामने पूजा-पाठ के दौरान नारियल फोड़ते नजर आ रहे हैं, जबकि एक पुरोहित मंत्रोच्चार करता दिखाई दे रहा है। इस दौरान भाजपा नेता टैंकर के सामने खड़े होकर मीडिया के कैमरों के सामने पोज देते भी दिखाई दे रहे हैं।
उधर, कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए रणदीवे ने कहा, "ऑक्सीजन टैंकर चंदन नगर चौराहे पर पांच मिनट भी नहीं रुका था। हमने उसे तुरंत एक स्थानीय फिलिंग स्टेशन के लिए रवाना कर दिया था।"
भाजपा के शहर अध्यक्ष ने कहा, "हमारी पूजा-पाठ को लेकर सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरें तब की हैं, जब ऑक्सीजन टैंकर को फिलिंग स्टेशन पर खाली किया जा रहा था।"
गौरतलब है कि इंदौर, सूबे में कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित जिला है जहां महामारी की दूसरी लहर के घातक प्रकोप के बीच मेडिकल ऑक्सीजन की पिछले कई दिनों से किल्लत बनी हुई है।
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इंदौर जिले में 24 मार्च 2020 से लेकर अब तक महामारी के कुल 89,317 मरीज मिले हैं। इनमें से 1,047 लोगों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है।
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