जागरण संवाददाता, सुपौल: कोरोना के खतरों के बीच यह अच्छी खबर है कि एक और आक्सीजन प्लांट का प्रस्ताव भेजा गया है। उक्त प्रस्ताव सिविल सर्जन द्वारा भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंडल (एएसएसओसीएचएएम) के निदेशक को भेजा है। अगर इस प्रस्ताव पर मुहर लग जाती है तो भविष्य में सदर अस्पताल दूसरा आक्सीजन प्लांट भी काम करते दिखेगा। सिविल सर्जन ने निदेशक को भेजे पत्र में कहा है कि सुपौल सदर अस्पताल तीन सौ बेड का अस्पताल है, जिसमें एक सौ आक्सीजन बेड हैं। सुपौल में मुख्यत: 27 लाख आबादी पर एक मात्र बड़ा अस्पताल है। ऐसी परिस्थिति में एक पीएसए आक्सीजन जेनरेशन प्लांट सीआरआर के माध्यम से लगाया जाना उचित होगा। मालूम हो कि सदर अस्पताल परिसर में फिलहाल एक आक्सीजन प्लांट निर्माणाधीन है। उक्त प्लांट पांच सौ एमएल क्षमता का होगा। इससे 50 बेड को आक्सीजन मुहैया कराया जाएगा। इस प्लांट के सामान की आपूर्ति डीआरडीओ द्वारा की जाएगी तथा इसका निर्माण एनएचएआइ द्वारा करवाया जा रहा है। इस प्लांट के बनने के बाद रोगियों को बेड पर पाइप लाइन के जरिये आक्सीजन की सुविधा जल्द मिलने लगेगी। भेजे गए प्रस्ताव के बाबत स्वास्थ्य प्रबंधक बालकृष्ण चौधरी ने कहा कि आक्सीजन प्लांट के लिए एएसएसओसीएचएएम को प्रस्ताव भेजा गया है। अगर इस प्लांट की स्वीकृति मिलती है और इसका निर्माण होता है तो मरीजों को काफी सहूलियत होगी। प्लांट लगाने की यह कवायद तीसरी लहर की संभावना के मद्देनजर भले की जा रही है, लेकिन भविष्य में इसका लाभ अस्पताल में भर्ती हर मरीजों को मिलेगा। कोरोना की दूसरी लहर के कहर के दौरान आक्सीजन के लिए काफी मारामारी देखने को मिल रही थी। ऐसे समय में देश के कई हिस्सों में काफी संख्या में मरीजों की मौत आक्सीजन के अभाव में हो गई। प्लांट के लगने से अब वैसी स्थिति देखने को नहीं मिलेगी। उम्मीद है कि जल्द ही दूसरे आक्सीजन प्लांट की स्वीकृति मिल जाएगी।
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