सुपौल। सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में लाख कवायद के बाद भी भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा है।
खासकर प्रधानमंत्री आवास योजना तो संबंधित विभागीय कर्मियों के लिए हमेशा से कामधेनु बनी हुई है। प्रशासनिक लूट-खसोट कम करने के लिए आवास योजना को प्रखंड कार्यालय से अलग करते हुए पृथक तौर पर कार्यालय में शिफ्ट कर दिया गया। भरोसा दिलाया गया कि अब आवास सहायक के माध्यम से बगैर बिचौलिये के ही काम होगा और लाभार्थियों का लूट-खसोट भी कम हो जाएगा परंतु इसका उलट हो रहा है। प्रखंड की विभिन्न पंचायतों में कार्यरत आवास सहायकों ने अपना अपना बिचौलिया तंत्र विकसित कर रखा है। प्रतीक्षा सूची में नाम हो अथवा न हो चाहे द्वितीय किश्त का भुगतान हो बगैर नजराना उनकी ़फाइल आगे नहीं बढ़ती। ताजा मामला प्रखंड के घीवहा पंचायत से जुड़ा है जहां कई वार्ड सदस्यों ने सामूहिक रूप से प्रधानमंत्री आवास योजना में आवास कर्मी व बिचौलियों द्वारा जबरन लाभुकों से पैसा वसूली करने की शिकायत स्थानीय बीडीओ से की है। वार्ड सदस्य प्रीतम देवी, रीना देवी, विलखी देवी, संजय सरदार, अनिता देवी, ब्रह्मदेव राम, संजीव कुमार राम सहित अन्य लोगों ने लिखित आरोप लगाया है कि आवास सहायक स्थानीय बिचौलिये की मिलीभगत से प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभुकों से अवैध तौर पर रुपये वसूलते हैं और जो लाभुक पैसा नहीं दे पाते हैं उनपर किसी तरह का आरोप लगाकर उनका भुगतान रोक देते हैं। आवास सहायक न बैठक में कभी आते हैं न आवास योजना की प्रतीक्षा सूची ही दिखाते हैं। -कोट - वार्ड सदस्यों के द्वारा आवेदन दिया गया है। आवेदन के आलोक में जांच टीम गठित कर दी गई है। आवेदनकर्ता का संपर्क नंबर ले लिया गया है। जांच के क्रम में शिकायतकर्ता को बुलाकर पूछताछ की जाएगी व जांचोपरांत अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी। -रितेश कुमार सिंह प्रखंड विकास पदाधिकारी